भारत-कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। कनाडा में हुए चुनावों में भारत के हस्तक्षेप के आरोपों को विदेश मंत्रालय ने खारिज किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा इससे कोई संबंध नहीं है। कनाडाई आयोग ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत ने संघीय चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कनाडा चुनाव में हस्तक्षेप पर कथित गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट देखी है। वास्तव में यह कनाडा ही है जो भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है। इससे अवैध प्रवास और संगठित आपराधिक गतिविधियों के लिए भी माहौल तैयार हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि हम भारत पर आक्षेप लगाने वाली रिपोर्ट को खारिज करते हैं। उम्मीद करते हैं कि अवैध प्रवासन को सक्षम करने वाली सहायता प्रणाली को आगे बरकरार नहीं रखा जाएगा।
कनाडा के एक अखबार की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत ने संघीय चुनाव में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को गुप्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रॉक्सी एजेंटों का इस्तेमाल किया। इस मामले में तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में न्यायमूर्ति मैरी जोस हॉग को चीन, रूस और अन्य देशों द्वारा चुनावों में किए गए हस्तक्षेप की जांच के लिए बने आयोग के नेतृत्व का जिम्मा सौंपा था।
पिछले साल कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। कनाडाई खुफिया विभाग ने कहा था कि कनाडा में भारत सरकार का एक सरकारी प्रॉक्सी एजेंट था, जिसका चुनावों में हस्तेक्षप करने का इरादा था। 2021 में भारत सरकार ने छोटे जिलों में हस्तेक्षप करने की कोशिश की थी। भारत को लगता था कि कनाडाई चुनाव का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन और पाकिस्तान समर्थक राजनीति से जुड़ा हुआ है। दस्तावेज के अनुसार, खुफिया जानकारी के अनुसार, प्रॉक्सी एजेंट ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल दिया जा सके।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भी भारत पर लगाए थे आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर आरोप लगाए थे। निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया गया था। भारत ने इन बेतुके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इसके साथ ही भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाया था। इसके अलावा भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया था।