बिहार के माध्यमिक स्कूलों में अब 120 छात्रों पर 4 शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा. बिहार शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. राज्य में पहली बार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर मानक संख्या को तय कर दिया है यानी अब स्कूल में कितने छात्रों पर कितने शिक्षक रहेंगे, यह अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग की ओर से इस संबंध में राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश भी जारी कर दिया गया है.
शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार अब कक्षा 1 से 5वीं तक के प्राथमिक विद्यालय में एक से लेकर के 120 तक की छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में अब चार शिक्षक रहेंगे. वहीं 121 से लेकर के 150 तक की छात्रों वाले स्कूलों में पांच शिक्षक रहेंगे, जबकि 150 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों में प्रत्येक 40 छात्रों पर एक शिक्षक रहेंगे. स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में एक प्रधान शिक्षक का पद स्वीकृत है, जो तय मानक किए गए शिक्षकों के संख्या के अतिरिक्त होगा.
माध्यमिक स्कूलों में कितने छात्रों पर होंगे कितने शिक्षक?
वहीं कक्षा एक से छह तक के मध्य विद्यालयों में कक्षा एक से 120 छात्रों के नामांकन वाले स्कूलों में मानक शिक्षकों की संख्या चार होगी. 121 से 150 छात्र वाले स्कूलों में मानक शिक्षकों की संख्या पांच और 150 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों में प्रत्येक 40 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होंगे. इसमें यह स्पष्ट है कि जिन मध्य विद्यालय में मूल कोटि के शारीरिक शिक्षक कार्यरत हैं. उन विद्यालयों में स्वीकृत एवं कार्यरत शिक्षक में एक-एक शारीरिक शिक्षक अंकित किए जाएंगे.
8वीं तक के स्कूलों में कितने होंगे शिक्षक?
वही कक्षा छह से 8वीं तक के स्कूलों में 105 छात्र की संख्या पर चार मानक शिक्षक होंगे. इनमें विज्ञान एवं गणित के एक-एक, सामाजिक अध्ययन के एक, हिंदी भाषा के एक और अंग्रेजी भाषा के एक शिक्षक होंगे. इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि आवश्यकता के अनुसार भाषा अंतर्गत उर्दू एवं संस्कृत शिक्षक का प्रावधान किया जा सकता है, जबकि 105 से अधिक छात्रों की संख्या होने पर प्रत्येक 35 छात्रों पर एक शिक्षक होंगे. विषयवार शिक्षकों की संख्या का निर्धारण जिला स्तर पर किया जाएगा. नामांकन अधिक होने की स्थिति में विज्ञान एवं गणित के एक से अधिक शिक्षक रखे जा सकते हैं. यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक मध्य विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक का पद स्वीकृत है, जो इन मानक शिक्षकों के अलावा होगा.
शिक्षकों पर क्या होगा इसका असर?
शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के नेता राहुल रंजन ने कहा कि शिक्षा विभाग के इस तय किए गए मानक का सीधा असर शिक्षकों पर पड़ेगा. इससे शिक्षकों की प्रोन्नति का रास्ता खुला जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि संभवत यह पहला मौका है, जब बिहार में राइट टू एजुकेशन तो लागू था लेकिन शिक्षकों की मानक संख्या तय नहीं थी. मानक तय होने से शिक्षकों की प्रोन्नति का मार्ग खुलेगा क्योंकि विषय विशेष के शिक्षक का दर्जा देने के लिए स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति देनी होगी. वर्तमान में बेसिक ग्रेड के शिक्षक पढा रहे हैं, लेकिन उन्हें विषय विशेष के शिक्षक के रूप में यानि स्नातक ग्रेड का दर्जा नहीं दिया जा रहा है. अब मानक संख्या तय होने पर यह राह आसान हो जाएगी.