भारत और बांग्लादेश की सीमा पर स्थित नादिया जिले में बीएसएफ को मिले कई बंकर्स

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतिरम सरकार के गठन के बाद वहां न केवल अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है, बल्कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी जैसी ताकतों के मजबूत होने से कट्टरपंथी शक्तियां मजबूत हुई हैं. भारत विरोधी माहौल बना है. इसके मद्देनजर भारत-बांग्लादेश की सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गयी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से भारत-बांग्लादेश की सीमा पर नदिया जिले में बीएसएफ को कई बंकर्स मिले हैं.

जमीन के नीचे बंकरों के मिलने के बाद बीएसएफ चौंकन्ना हो गई है और सतर्कता बढ़ा दी गई है. बीएसएफ ने इन बंकरों में तस्करी के सामने फेंसीडिल भी बरामद किए, लेकिन अब आशंका जताई जा रही है कि ये बंकर्स घुसपैठ करने के लिए बनाए गए थे या फिर तस्करी करना उद्देश्य था या फिर कोई बड़ी साजिश है, क्योंकि इस तरह से बंकर्स भारत-पाकिस्तान की सीमा पर मिलते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है, जब भारत-बांग्लादेश की सीमा पर इस तरह से बंकर्स मिले हैं.

नादिया जिले में मिले बंकर्स
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के कृष्णगंज स्थित माजदिया सुधाररंजन लाहिड़ी कॉलेज के पास शनिवार सुबह से ही हड़कंप मचा हुआ है. बीएसफ को बगीचे में खुदाई करते समय मुझे दो बंकर मिले. वहां भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप पाया गया. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गोला-बारूद की आशंका के चलते बाग में करीब दो बीघा जमीन पर खुदाई शुरू कर दी है.

बीएसएफ को आशंका है कि भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पुराने बंकर के अंदर विस्फोटक हो सकते हैं. इसलिए, ‘मेटल डिटेक्टर’ से तलाशी ली जा रही है. बताया जा रहा है कि अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य की कफ सिरप बरामद की जा चुकी है.

गणतंत्र दिवस के मद्देनजर सीमा पर अलर्ट
बीएसएफ ने गणतंत्र दिवस से पहले बांग्लादेश सीमा पर ‘ऑपरेशन अलर्ट’ जारी किया है. यह सतर्कता 31 जनवरी तक पूर्वोत्तर और पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर जारी रहेगी. सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और सतर्कता बढ़ाने की भी सलाह दी गई है. इससे पहले शुक्रवार को भी एक बंकर मिला था. बताया जा रहा है कि सीमा सुरक्षा बल ने गुप्त सूत्र से सूचना मिलने के बाद करीब दो बीघा जमीन पर बने एक बगीचे की तलाशी शुरू की. यह भूमि निजी स्वामित्व वाली है.

बाद में बगीचे में दो लोहे के बंकर बरामद किये गये. बंकरों को खोला गया और प्रतिबंधित कफ सिरप की हजारों बोतलें बरामद हुईं. ऐसा माना जा रहा है कि तस्कर बंकर में बोतलें छिपाकर उन्हें बांग्लादेश में तस्करी करने के लिए ले जा रहे थे.

बंकर मिलने से बीएसएफ की नींद उड़ी
एक बंकर लगभग 10 फीट चौड़ा और 15 फीट लंबा हैं. ऊंचाई भी लगभग 8 फीट है. हालांकि दो बंकर इसकी तुलना में छोटे हैं. नादिया के कृष्णानगर सेक्टर में तुंगी सीमा क्षेत्र सीमा से डेढ़ किलोमीटर अंदर 3 बंकर पाए गए. ऊपर से देखने पर यह टिन की छत वाला एक साधारण घर लगता है, लेकिन ये रहस्यमयी बंकर उस घर के अंदर जमीन के अंदर पाए गए हैं. बीएसएफ अब बंकर को लेकर काफी चिंतित है. घुसपैठ और तोड़फोड़ की आशंका के कारण पूरे इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है.

जो बंकर खोजा गया है उसके ऊपर यानी जमीन से ऊपर एक कंक्रीट का गेट भी बनाया गया है. इसका मतलब यह है कि उस क्षेत्र में बंकरों का निर्माण काफी समय से किया जा रहा था, लेकिन, यह बात प्रशासन की नजर से कैसे बच गयी? यदि बांग्लादेशियों ने ऐसा किया है, तो इस बात पर अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्होंने ऐसा कैसे किया?

घुसपैठ या तस्करी, जांच हुई शुरू
बीएसएफ खुफिया सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेशी घुसपैठियों और तस्करों ने कोहरे को हथियार बनाकर तथा भारतीय क्षेत्र में स्थित दलालों की मदद से इस बंकर का निर्माण किया था. बंकर के ऊपर एक कमरा है. वास्तव में इसका उपयोग उस कमरे में एक परदे के रूप में किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि इस घर से खेती के काम की देखरेख होती थी, लेकिन, उस घर के नीचे तीन बंकर थे. वहां 62,200 फेंसिडिल की बोतलें बरामद की गई, जिनकी अनुमानित कीमत 1,40,58,444 रुपए हैं.

बीएसएफ की खुफिया शाखा के सूत्रों के अनुसार, हालांकि फेंसीडिल को बंकर के अंदर रखा गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से घुसपैठियों या तस्करों को छिपाने के लिए किया जाता था. बीएसएफ खुफिया विंग के सूत्रों के अनुसार, यह काम भारतीय दलाल करते थे.

बांग्लादेश की सीमा पर पहली बार मिले बंकर्स
बीएसएफ सूत्रों का कहना है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर ऐसे बंकरों का पाया जाना व्यावहारिक रूप से अभूतपूर्व है, जबकि पाकिस्तान सीमा पर ऐसे बंकर देखे गए हैं, बांग्लादेश सीमा पर ऐसा कोई बंकर कभी नहीं पाया गया है. बीएसएफ खुफिया विंग के सूत्रों के अनुसार यह बंकर पिछले 15 से 20 दिनों में बनाया गया है.

बीएसएफ की खुफिया शाखा का मानना ​​है कि इस बंकर के जरिए कंटीली तार के नीचे से बांग्लादेश की तरफ आवाजाही यानी घुसपैठ की व्यवस्था की जा रही थी. इस बीच, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान चलाने का आदेश दिया है. हालांकि बीएसएफ के आला अधिकारी का कहना है कि ये बंकर्स पूरी तरह से तस्करी खासकर फेंसेडिल की तस्करी के उद्देश्य से निर्माण किये हैं. इनके पीछे दूसरा कोई उद्देश्य नहीं है. इसकी केवल तस्करी ही उद्देश्य है.

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