गुजरात के अमरेली जिले में बड़ी संख्या में शेर और तेंदुए मौजूद है. अक्सर ये शिकार की तलाश में रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं. खतरनाक जंगली जानवरों से जिले के लोग इतने ज्यादा परेशान हैं कि उन्होंने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है. इलाके में बच्चों को तेंदुए के उठा ले जाने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं. बच्चों को शिकार से बचाने के लिए किसानों ने एक नई तरकीब निकली है, जो इस समय देशभर में चर्चा का विषय बनी गई है.
अमरेली में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक के बाद एक कई हमलों की घटना सामने आ चुकी है. कई बच्चों को रात में तेंदुए सोते हुए उठाकर ले गए हैं. इस तरह की घटनाओं से इलाके में रहने वाले काफी डरे-सहमे हुए है. अमरेली में खेत में काम करने वाले मजदूरों के बीच तेंदुए का खौफ इतना बढ़ गया है कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए तेंदुए को नहीं, बल्कि बच्चों को ही वह पिंजरे में रख रहे हैं.
बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बनाया पिंजरा
जापोदर गांव में खेती करने वाले भरतभाई खिमाभाई बरैया ने एक नया प्रयोग किया है. उन्होंने तेंदुए के हमले से बच्चों को बचाने के लिए एक बड़े पिंजरा को बनवाया है, जिसमें बच्चे अपना समय बिता रहे हैं. ज़ापोदर गांव के भरतभाई अपने 6 बच्चों की सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित रहते थे. क्योंकि उनकी पत्नी और मां का निधन हो गया था. उन्होंने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए यह अनोखा प्रयोग किया है.
वायरल वीडियो
उन्होंने इस पिंजरे को लोहे की जाली से बनाया है. ताकि खेत में काम करते समय कोई जंगली जानवर आ जाए तो बच्चों को इस पिंजरे में रखा जा सके. इस जाल की फोटो और वीडियो भी इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है, जिसमें कुछ बच्चे पिंजरे के अंदर बैठे हुए नजर आ रहे हैं.