स्वामित्व स्कीम में 65 लाख से ज्यादा संपत्ति कार्ड बांटेंगे PM मोदी, क्या दिल्ली के 31 गांवों को मिलेगा फायदा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे. इसमें राजधानी दिल्ली के 31 गांवों को भी शामिल किया गया है. साउथ दिल्ली में सबसे अधिक 16 गांवों को रखा गया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में यह जानकारी दी कि इस कार्यक्रम का आयोजन शनिवार (18 जनवरी) को दोपहर 12.30 बजे आयोजित किया जाएगा. पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2021 में स्वामित्व योजना को लॉन्च किया था. इस योजना को सर्वेक्षण के लिए लेटेस्ट ड्रोन तकनीक के जरिए गांवों में बसे घरों के स्वामित्व वाले परिवारों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दृष्टि से शुरू की गई थी.

3 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा
यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण की सुविधा और बैंक लोन के जरिए संस्थागत ऋण को सक्षम करने में भी मदद करती है. साथ ही यह संपत्ति से जुड़े विवादों को कम करती है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति और संपत्ति कर के बेहतर मूल्यांकन की भी सुविधा प्रदान करती है और व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना को सक्षम बनाती है.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया, ‘3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा कराया जा चुका है, जो लक्षित गांवों का करीब 92 प्रतिशत है. अब तक 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं.’

6 राज्यों और UTs में सर्वे पूरा
इस स्वामित्व योजना ने पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है और पूर्ण संतृप्ति शत प्रतिशत तक हासिल कर ली गई है. जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के साथ-साथ कई केंद्र शासित प्रदेशों में भी ड्रोन सर्वे का काम पूरा हो चुका है.

स्वामित्व योजना, पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय योजना है जिसे पीएम मोदी ने 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 9 राज्यों में योजना के पायलट चरण (2020-2021) के सफल समापन के बाद देशभर के लिए लॉन्च किया था. यह योजना ग्रामीण आबाद क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है, जिसमें ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करके भूमि पार्सल की मैपिंग की जाती है.

फिर संपत्ति के मालिकों को कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड/टाइटल डीड) जारी करने के साथ गांव के घरेलू मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान किया जाता है. यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोगी प्रयासों से कार्यान्वित की जाती है.

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