आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि टीडीपी केवल दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को ही पंचायत और नगर निगम चुनाव लड़ने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है. इससे उन्होंने संकेत दिया है कि जिनके 2 से कम बच्चे होंगे, उन्हें स्थानीय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरूपति के पास अपने गृहनगर नरवरिपल्ली के दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए यह बयान दिया. उन्होंने यह बयान आंध्र प्रदेश राज्य विधानसभा द्वारा दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकायों और नागरिक निकायों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने वाले 30 साल पुराने कानून को रद्द करने के कुछ महीने बाद दिया.
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि अगर आपके बच्चे नहीं हैं, तो आप स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं. हम एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत केवल दो बच्चों वाले ही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे. अतीत में, हमने एक ऐसा कानून बनाया था, जिसके तहत अगर आपके दो से ज़्यादा बच्चे हैं, तो आप चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं.
बच्चे नहीं होने पर नहीं पड़ पाएंगे निकाय चुनाव
उन्होंने कहा कि अब हम एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत अगर आपके कम से कम दो बच्चे हैं, तो आप चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अगर आपके पांच से ज़्यादा बच्चे हैं, तो आपको पहले राशन नहीं दिया जाता था. फिलहाल, हम जनसंख्या और पारिवारिक संरचना के आधार पर सरकारी सहायता बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. हम ऐसे परिवारों को सुरक्षा प्रदान करेंगे.
चंद्रबाबू नायडू ने स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए बच्चों की संख्या को उनकी पात्रता से जोड़ने वाली एक विवादास्पद नीति का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने सुझाव दिया कि दो से कम बच्चों वाले व्यक्तियों को सरपंच, नगर निगम पार्षद या मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए. उन्होंने संकेत दिया कि इससे आंध्र प्रदेश में घटती प्रजनन दर पर रोक लगाई जा सकेगी.
दो अधिक बच्चे होने पर चुनाव लड़ने पर रोक, बना कानून
पिछले साल नवंबर में, आंध्र प्रदेश विधानसभा ने दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने के लिए एपी पंचायत राज और एपी नगर पालिका अधिनियम में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित किया था।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि आपके माता-पिता ने चार-पांच बच्चों को पाला. आपने इसे एक तक सीमित कर दिया है. यहां तक कि आज सबसे बुद्धिमान लोग भी दोहरी आय, निःसंतान जीवनशैली अपना रहे हैं. अगर उनके माता-पिता ने भी यही सोचा होता तो आज उनका अस्तित्व नहीं होता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश पहले से ही बढ़ती आबादी और घटती जन्म दर से जूझ रहे हैं.
यह पहली बार नहीं है कि चंद्रबाबू नायडू ने जनसंख्या को लेकर कोई बयान दिया है. पिछले साल अक्टूबर में, चंद्रबाबू नायडू ने केवल दो या दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए कानून लाने के बारे में इसी तरह की टिप्पणी की थी.