उत्तराखंड में अवैध तरीके से चलाए जा रहे मदरसों पर अब सरकार ने शिकंजा कसा है. प्रशासन की ओर से इन पर एक्शन लिया गया है. पुलिस टीम ने 30-40 नहीं बल्कि 200 से भी ज्यादा अवैध तरीके से चलाए जा रहे मदरसों का पर्दाफाश किया है. सरकार की ओर से हाल ही में निर्देश दिए गए थे कि राज्य में चल रहे अवैध मदरसों की पहचान की जाए.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उत्तराखंड के हर उस मदरसे की जांच करने के लिए कहा था, जो अवैध तरीके से चलाया जा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन और पुलिस टीम ने उन मदरसों के खिलाफ एक्शन लिया और अवैध मदरसों की पहचान की. साथ ही अवैध चल रहे मदरसों को कहां से फंडिंग मिलती है. इसकी भी जांच की जा रही है.
जिले में अवैध मदरसे
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तराखंड के तीन जिलों में ये अवैध मदरसे चल रहे हैं. इनमें उधम सिंह नगर, देहरादून और नैनीताल का नाम शामिल है. सबसे ज्यादा अवैध मदरसे उधम सिंह नगर में चल रहे हैं, जहां पर 129 मदरसे ऐसे हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं. वहीं देहरादून में ऐसे अनरजिस्टर्ड मदरसों की संख्या 57 है. इसके अलावा नैनीताल में 26 मदरसों को रजिस्टर नहीं कराया गया है. मदरसों की जांच के लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है.
टीम का किया गया गठन
बताया जा रहा है कि मदरसों की जांच पर नजर रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों की अध्यक्षता में SSP, SP और कई बड़े पुलिस अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है, जो एक महीने में एक रिपोर्ट राज्य अधिकारियों को भेजेगी. उधम सिंह नगर के SSP मणिकांत मिश्रा ने मदरसों को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि जिन मदरसों की पहचान की गई है. उनमें बरेलवी और देवबंदी दोनों हैं. ये मदरसे मानदंडों के खिलाफ और अपंजीकृत थे.
ऐसे की जाती है पहचान
इसके साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी कि जिन जगहों पर शक होता है. उन मदरसों की जांच के लिए टीम भेजी जाती है. ऐसे में अवैध रूप से चल रहे मदरसों को कहां से फंडिंग मिलती है. इसका पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है. इन मदरसों में दूसरे राज्य से आकर पढ़ने वाले छात्रों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है.