मध्यप्रदेश के धार्मिक नगरों में जल्द ही शराब की बिक्री पर लगेगा प्रतिबंध

मध्यप्रदेश के धार्मिक नगरों में जल्द ही शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. सूबे की सरकार इसको लेकर योजना बना रही है. राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसको लेकर आबकारी विभाग के अधिकारियों को प्रस्तावित नीति में प्रावधान करने को कहा है. सोमवार को सीएम ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने के लिए अपनी नीति में सुधार करने पर विचार कर रही है.

सरकार के इस फैसले पर अमल के बाद उज्जैन समेत प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू हो जाएगी. यानी इन जगहों पर शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा. सीएम ने कहा कि इस मुद्दे पर साधु-संतों द्वारा दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नई शराब नीति में सुधार कर धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने की योजना बना रही है. जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है.

‘धार्मिक नगरों का वातावरण हो रहा प्रभावित’
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि धार्मिक नगरों का वातावरण प्रभावित होने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं. ऐसे में उनकी कोशिश है कि इन नगरों की पवित्रता बनी रहे. सीएम ने कहा कि इस पर सरकार जल्द ही ठोस निर्णय लेकर कदम उठाएगी.

मुख्य़मंत्री ने कहा कि बजट सत्र नजदीक है. ऐसे में हमारी सरकार विचार कर रही है कि हमारे धार्मिक नगरों पर हम अपनी नीति में संशोधन करें. उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरों से शराब बंदी की तरफ बड़े कई साधु संत ने कई लोगों ने सुझाव दिए हैं. 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में इस पर अमल किया जा सकता है. वहीं धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू होने के कारण राजस्व को होने वाले नुकसान की भरपाई को लेकर उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरों की बाहरी सीमाओं में शराब की दुकानें खोलने को लेकर आबकारी विभाग के अधिकारी मंथन कर रहे हैं.

‘2028 के सिंहस्थ में संतों क शिप्रा जल से स्नान कराएंगे’
इसके साथ ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ये भी कहा कि साल 2028 के सिंहस्थ में साधु-संतों को पवित्र शिप्रा जल से ही स्नान कराया जाएगा. सिंहस्थ में पहले गंभीर नदी के जल से स्नान कराया जाता था, वहीं इसके बाद 2026 में नर्मदा नदी के जल का उपयोग किया गया. सीएम ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की मौजूदगी में किया जा रहा है, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी प्रोजेक्ट सिंहस्थ 2028 के पहले पूरा हो जाएगा.

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