दिल्ली चुनाव: BJP के 58 उम्मीदवार तय, सहयोगी JDU-LJP को देगी इतनी सीटें

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 29 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी गई. इसके साथ कुल 70 प्रत्याशियों की असेंबली के लिए पहली सूची के 29 उम्मीदवारों को मिलकर दिल्ली बीजेपी ने कुल 58 उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित कर दी. बचे 12 उम्मीदवारों में से 2 से 3 सीटें बीजेपी अपने सहयोगी जेडीयू और लोजपा के साथ गठबंधन में देगी.

इस तरह से बीजेपी अपने तीसरी सूची में 9-10 उम्मीदवारों को जगह देगी. दूसरी लिस्ट में सबसे अहम करावल नगर सीट से बीजेपी ने अपने सीटिंग उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट का नाम काटकर उनके जगह पूर्व आप विधायक और मौजूदा बीजेपी के फायर ब्रांड नेता कपिल मिश्रा को टिकट दिया है. टिकट कटने के बाद उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले बिष्ट को मुस्तफाबाद से अपना उम्मीदवार बनाना चाहती है.

प्रियंका गौतम को कोंडली से बनाया प्रत्याशी
साथ ही कुछ महीनों पहले ही आम आदमी पार्टी से बीजेपी ने शामिल होने वाली प्रियंका गौतम को पार्टी ने कोंडली से मैदान में उतारा है. कोंडली अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है. इसके अलावा बीजेपी ने पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर से अपने सीटिंग विधायक अभय वर्मा को एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है. वर्मा को दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा पूर्वांचली चेहरा के तौर पर जाना जाता है.

इसके अलावा महत्वपूर्ण घोषणाओं में बीजेपी ने कांग्रेस से पार्टी में आए नीरज बसोया को कस्तूरबा नगर से टिकट दिया है. बसोया के अलावा बीजेपी ने स्वर्गीय नेता मदन लाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को मोती नगर सीट से टिकट दिया है. मोती नगर मदनलाल खुराना की पारंपरिक सीट हुआ करता था.

पूर्वांचल के करीब 5 प्रत्याशियों को टिकट
बीजेपी ने 29 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची में 5 महिलाओं को टिकट दिया है जबकि पूर्वांचल के करीब 5 प्रत्याशियों को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी दिल्ली की बाकी बचे 9-10 सीटों में से दो सीटें गठबंधन दलों को दे सकती है. इसमें से संगमनगर और बुरारी की सीट बीजेपी जेडीयू और लोजपा को दे सकती है.

बाबरपुर से बीजेपी के फायर ब्रांड नेता नुपुर शर्मा का नाम काफी तेजी से उछला है. हालांकि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नूपुर का नाम शामिल नहीं था. इसके अलावा बीजेपी दिल्ली की गोकुलपुरी, देवली जैसे सेटों पर पुनर्विचार कर रही है. इसके अलावा वजीरपुर, दिल्ली कैंट और शाहदरा सीट को लेकर केंद्रीय और राज्य के टीम के बीच अलग अलग राय है.

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