दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बढ़ी तल्खी

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तले एक साथ चुनाव लड़ी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरी हैं. कांग्रेस नेता अजय माकन ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केदरीवाल पर निशाना साधा और उन्हें एंटी-नेशनल के साथ ही फर्जीवाल कहा. माकन के इन बयानों के चलते कांग्रेस अब खुद बैकफुट पर आ गई है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तल्खी बढ़ गई है. इस बीच केजरीवाल और इंडिया दल के नेताओं ने कांग्रेस को दरकिनार कर दिया है. जिससे गठबंधन में दरार नजर आ रही है. इंडिया गठबंधन के तमाम दल कांग्रेस से किनारा कर आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में अब कांग्रेस रणनीति बदल केजरीवाल के खिलाफ ऑल आउट अटैक मोड में जाने की तैयारी कर रही है. जिसके लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन और कांग्रेस सांसद राहुल के फैसले का इंतजार है.

इंडिया गठबंधन में अकेले पड़ी कांग्रेस
दिल्ली में AAP और कांग्रेस का विवाद यहां तक बढ़ा कि, इंडिया गठबंधन में कांग्रेस अकेले पड़ गई. दिल्ली के चुनाव को दिल्ली कांग्रेस vs AAP कहकर कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व बैकफुट पर गया, लेकिन केजरीवाल ने कांग्रेस पर इतने हमले किए कि अब पार्टी के बड़े नेता आलाकमान से गुजारिश करने वाले हैं कि, हमको भी केजरीवाल के खिलाफ लड़ाई में ऑल आउट जाना चाहिए.

कांग्रेस की आल आउट अटैक पर जाने को तैयारी
कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि अजय माकन के एंटी नेशनल केजरीवाल वाले बयान के बाद आलाकमान ने उन पर रोक लगा दी. सिर्फ दिल्ली के नेता केरल में कांग्रेस बनाम लेफ्ट के फार्मूले पर लड़ने की रणनीति पर बढ़े, तो भी केजरीवाल ने ऑल आउट हमला जारी रखा. ऐसे में अब कांग्रेस के रणनीतिकारों ने तय किया है कि, हम भी ऑल आउट अटैक पर जाने को तैयार हैं. खरगे और राहुल से अपनी मंशा भी बताएंगे और उनके फैसले का इंतजार करेंगे. उससे पहले ही कांग्रेस सोशल मीडिया ने दिल्ली की महंगाई के लिए मोदी नहीं केजरीवाल को लपेटकर मंशा जाहिर कर दी है.

5 फरवरी को होगा मतदान
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होना है. वहीं नतीजे 8 फरवरी को जारी किए जाएंगे. एक तरफ आम आदमी पार्टी एक बार फिर से दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की पुरजोर कोशिश कर रही है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और बीजेपी है जो किसी भी तरह सत्ता हथियाने की फिराक में हैं. दिल्ली की सत्ता किसके हाथ आएगी फिलहाल ये चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ हो सकेगा, लेकिन जिस तरह से इस चुनाव में कांग्रेस अलग थलग पड़ती नजर आ रही है उसका असर पार्टी की साख पर पड़ सकता है.

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