बांग्लादेश ने दिखाए तेवर, BGB ने भारत की कोडलिया नदी पर किया दावा, BSF ने जताई कड़ी आपत्ति

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में यूनुस सरकार के गठन के बाद से बांग्लादेश और भारत के रिश्तोें में लगातार खटास आ रही है. बांग्लादेश में भारत विरोधी शक्तियां अपनी ताकत बढ़ा रही है. वहां के नेता भारत विरोधी बयान दे रहे हैं. अब फिर बांग्लादेश ने भारत विरोधी तेवर दिखाए हैं. बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के एक कमांडिंग ऑफिसर ने जेनाइदाह जिले के महेशपुर उपजिला में कोडालिया नदी के लगभग पांच किलोमीटर के क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करने का दावा किया. इस इलाके पर अभी तक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का कब्जा था.

बीजीबी के दावे के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव और बढ़ने की आशंका है. हालांकि, बीएसएफ ने दावे से इनकार किया और कहा कि बीजीबी को एक विरोध पत्र भेजा गया है. बीएसएफ ने बीजीबी के दावे के बारे में केंद्र सरकार को भी सूचित किया है.

बांग्लादेश स्थित मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में, जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया है, वर्दी में लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक बीजीबी के कमांडिंग ऑफिसर को बीएसएफ से इस क्षेत्र पर नियंत्रण लेने का दावा करते हुए एक बयान देते देखा गया है.

BGB ने कोडलिया नदी पर किया अपना दावा
बीजीबी कमांडर ने नदी के तट पर खड़े होकर दावा किया कि जो नदी आप देख रहे हैं, उसे स्थानीय तौर पर कोटला नदी के नाम से जाना जाता है. आधिकारिक तौर पर हम इसे कोडालिया नदी के नाम से जानते हैं. पहले, यदि कोई बांग्लादेशी नागरिक नदी के करीब आता था या उसके पानी में उतरने की कोशिश करता था, तो हमारी प्रतिद्वंद्वी सेना (बीएसएफ) उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर कर देती थी. चूंकि यह नदी बांग्लादेश के अधिकार क्षेत्र में है, इसलिए हमने इस पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है. अब आप देख सकते हैं कि हमारे देश के लोग नदी में मछली पकड़ रहे हैं. यह अभ्यास पिछले दो सप्ताह से चल रहा है.

दावे को खारिज करते हुए बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा, नदी के पांच किलोमीटर के हिस्से पर भारत और बांग्लादेश दोनों का नियंत्रण है. नदी के जल के मध्य में नदी की सीमा रेखा अंकित है. यह पूरी तरह से गलत दावा है कि बीजीबी ने पूरी नदी पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है.

BSF ने बीजीबी के दावे को किया खारिज
बीएसएफ ने बीजीबी को लिखे पत्र में बांग्लादेश एजेंसी के दावे को निराधार, गैर-जिम्मेदाराना और किसी भी सच्चाई और योग्यता से रहित बताया. बीजीबी के कमांडिंग ऑफिसर की पहचान करते हुए, बीएसएफ ने लिखा: 58 बीजीबी के नवनियुक्त कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारा किए गए झूठे और मनगढ़ंत दावे किये गए हैं. इस तरह की मीडिया रिपोर्ट केवल दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच संबंधों को खराब करेंगे.”

पत्र में बीएसएफ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. पत्र में लिखा है, “बीएसएफ और बीजीबी दोनों कोडलिया नदी के अपने किनारे पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, जिसका केंद्र आईबी है. “

कोडलिया नदी के किनारे BGB कर रही है माइकिंग
दूसरी ओर, कोडलिया नदी को लेकर बांग्लादेशी सीमा रक्षक बलों की माइकिंग चल रही है. भारतीयों को टखने भर पानी में भी मत जाने दो. आरोप है कि जगह पर कब्जा करने के लिए देश के विभाजन को चिह्नित करने वाले सीमेंट के खंभों को ब्रिटिश काल के दौरान हटा दिया गया था. उस समय सीमा को सीमेंट के खंभों से विभाजित किया गया था. बांग्लादेश सीमा के सीमेंट के खंभों को हटाकर अपने कब्जे में रखना चाहता है.

कोडलिया नदी बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करती है और इच्छामती में मिल जाती है. इस नदी का एक बड़ा भाग भारत में प्रवेश करता है. नदी के इस टेढ़े-मेढ़े रास्ते में नदी के दोनों किनारों पर भारत के लोगों के लिए जगहें हैं. एक किनारा बांग्लादेश की ओर है, दूसरा किनारा भारत, बंगाल के गांव की ओर है. नदी का दूसरा किनारा बांग्लादेश की ओर है लेकिन हिस्सा भारत का है. दोनों देशों के लोग नदी पार खेती करने जाते हैं.

बांग्लादेश के दावे से स्थानीय लोग आतंकित
बरसात के दिनों में किसानों को नदी का पानी पार कर खेती करने में परेशानी होती है. नदी के पानी का उपयोग दोनों तटों के लोगों द्वारा खेती सहित सभी उद्देश्यों के लिए किया जाता था. उन्होंने बॉर्डर के पिलर नंबर 53 को भी तोड़ दिया. अब वे उस जमीन पर अपना दावा कर रहे हैं. इसके अलावा बांग्लादेश माइक के जरिए यह कहकर प्रचार कर रहा है कि नदी भी उनके कब्जे में है. इलाके के लोगों का दावा है कि यह पूरी तरह से गलत और अनुचित है.

स्थानीय निवासी आनंद संतरा ने कहा, अब वे कह रहे हैं कि सब कुछ बांग्लादेश है, जो जीरो प्वाइंट पर हैं उनकी हालत बहुत दयनीय है. क्या बांग्लादेश इसे बलपूर्वक ले लेना? वे नदी पर गश्त कर रहे हैं, माइकिंग कर रहे हैं. जीरो पॉइंट के एक अन्य निवासी विश्वजीत बिस्वास ने कहा, हमने बीएसएफ, बीजीबी की एक बैठक की है, लेकिन फिर भी उनकी आक्रामकता उच्च स्तर तक बढ़ गई है. यहां 2400 वोटर, आबादी करीब 4000, कहां जाएंगे? इस स्थिति में उनके व्यवहार से हमारे लिए रात बिताना बहुत मुश्किल हो गया है.”

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