जम्मू-कश्मीर का स्वास्थ्य विभाग HMPV (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) वायरस को लेकर सतर्क हो गया है. भारत में बच्चों में HMPV संक्रमण के सात मामले सामने आने के बाद जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) अस्पताल में स्पेशल आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. फिलहाल अभी तक सभी मामले बेंगलुरु, नागपुर और तमिलनाडु में दो-दो तथा अहमदाबाद में एक दर्ज हुए हैं.
GMC जम्मू में प्रशासन ने 31 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया है. अस्पताल की नर्सों ने बताया कि वार्ड में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है. हालांकि, जम्मू-कश्मीर में अब तक HMPV वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है.
घबराने की जरूरत नहीं- स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से घबराने की जरूरत नहीं होने की बात कही है. अस्पताल प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि संभावित मरीजों के इलाज और अलगाव के लिए सभी उपाय किए गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि HMPV वायरस बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को अधिक प्रभावित कर सकता है, लेकिन उचित तैयारी और देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
HMPV के मामलों पर नजर
देशभर में HMPV संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जम्मू-कश्मीर ने सतर्कता बढ़ा दी है. संक्रमण के शुरुआती लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार हो सकते हैं, जो समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर श्वसन संबंधी समस्याओं में बदल सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की है.
क्या है HMPV वायरस?
ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) एक मौसमी वायरस है, ये मुख्य रूप से रेसपिरेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है. इसके लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे होते हैं. हाल ही में यह वायरस चीन में तेजी से फैला है और अब भारत में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV का संक्रमण बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है.
HMPV वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को अधिक प्रभावित करता है. जिन लोगों को अस्थमा, मधुमेह, या हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियां हैं, उनके लिए यह वायरस अधिक जोखिमभरा हो सकता है. कमजोर इम्यूनिटी के कारण यह वायरस तेजी से रेसपिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.