आशीष पटेल के बाद योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद बीजेपी नेताओं पर हमलावर हैं. बुधवार को टीवी-9 भारतवर्ष से बात करते हुए निषाद ने बीजेपी पर निषाद आरक्षण की मांग को पूरा न करने और निषाद जातियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया.
निषाद ने इस दौरान यह भी पूछा कि आखिर बीजेपी में विभीषण कौन हैं, इसकी खोज क्यों नहीं हो रही है? निषाद यह सवाल अपने बेटे प्रवीण की हार को लेकर पूछ रहे हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 में संजय निषाद के बेटे प्रवीण संत कबीरनगर सीट से मैदान में थे, जहां प्रवीण को सपा के लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद ने पटखनी दे दी. संजय का आरोप है कि बीजेपी नेताओं की मिलीभगत से प्रवीण को हराया गया.
सीट शेयरिंग-आरक्षण पर खुलकर बोले संजय
संजय निषाद ने कहा कि उपचुनाव में हमसे कहा गया कि पहले आरक्षण पर चर्चा होगी फिर सीट शेयरिंग का मसला सुलझाया जाएगा. हमने निषाद आरक्षण के लिए अपनी दावेदारी छोड़ दी.
मंत्री निषाद ने आगे कहा कि 5 साल से हम गठबंधन में हैं, लेकिन बीजेपी अपना वादा पूरा नहीं कर रही है. हम आने वाले चुनाव में निषाद युवाओं को क्या मुंह दिखाएंगे?
निषाद ने अपने दावे में कहा है कि यूपी में हमारे समुदाय का विधानसभा की 200 सीटों पर प्रभाव है. अब इन सीटों पर बीजेपी जीत तो रही है लेकिन उसके मार्जिन कम हो रहे हैं.
बाहर से आए लोगों की हो रही सुनवाई
संजय निषाद ने आगे कहा कि बाहर से जो नेता आ रहे हैं, उसकी सुनवाई गठबंधन में ज्यादा हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि यही लोग सपा और कांग्रेस को पहले डूबो चुके हैं. बीजेपी नहीं सुधरेगी तो उसे भी 2027 में डूबो देंगे.
निषाद पार्टी के प्रमुख ने आगे कहा कि 2027 से पहले हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो बीजेपी सत्ता में फिर से नहीं आ पाएगी.