कानपुर वालों के लिए नया साल खुशियों और तोहफों की सौगात लेकर आएगा. साल 2025 से शुरू होने के कुछ ही दिनों के अंदर कानपुर मेट्रो का सफर रेलवे स्टेशन तक होने लगेगा. उससे भी खास बात यह है कि शहरवासियों को यह सफर पूरा करने के लिए अपनी जेब भी ढीली नहीं करनी पड़ेगी. ऐसे में कानपुर के लोगों का काफी समय बचने वाला है.
कानपुर मेट्रो ने एक और उपलब्धि हासिल की है. कानपुर मेट्रो ट्रेन टेस्ट रन के दौरान मोती झील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक पहुंच चुकी है. अप-लाइन और डाउनलाइन दोनों ही लाइनों पर मेट्रो ट्रेन का टेस्ट रन कर लिया गया है. इसके साथ ही कानपुर मेट्रो ने जनवरी 2025 में आईआईटी से कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवा के विस्तार की तैयारी अब तेजी से अपने अंतिम चरण की ओर पहुंच रही है. जल्द ही इस रूट पर नियमित ट्रायल रन की शुरुआत होगी.
समय के साथ पैसों की होगी बचत
सबसे खास बात यह है कि आईआईटी से लेकर रेलवे स्टेशन का यह सफर ना सिर्फ बेहद किफायती होने वाला है, बल्कि समय की बचत भी करेगा. अगर बात करें दूरी की तो आईआईटी से रेलवे स्टेशन की दूरी तकरीबन 16 किलोमीटर है. इसको कार या टैक्सी से पूरा करने में तकरीबन 50 से 90 मिनट तक लगते हैं. साथ ही ट्रैफिक से जूझना पड़ता है. अगर कैब करके आईआईटी से रेलवे स्टेशन तक जाना है, तो अभी आपको 350 से 500 रुपए खर्च करने पड़ते है. ऑटो भी करें तो 250 से 350 रुपए लगते है.
जाम से भी मिलेगा छुटकारा
अब कनपुरियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होने वाली है. मेट्रो कानपुर के मीडिया प्रभारी निहाल पाठक के अनुसार डेढ़ घंटे का यह समय मेट्रो से मात्र 25 मिनट में पूरा हो जाएगा. ना सिर्फ मेट्रो से इतने कम समय में 16 किलोमीटर की दूरी पूरी होगी, बल्कि जाम से छुटकारा भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि अभी के हिसाब से देखा जाए तो आईआईटी से रेलवे स्टेशन तक मेट्रो से जाने में यात्रियों को मात्र 40 रुपए खर्च करने पड़ेंगे. अभी 400 रुपए से जेब ढीली करनी पड़ती है लेकिन नए साल में पैसे और समय दोनों की बचत होगी.
नए साल में जुड़ेंगे यह नए स्टेशन
अभी तक कानपुर मेट्रो का परिचालन वर्तमान में प्रायोरिटी कॉरिडोर पर आईआईटी से मोती झील तक किया जाता है, जिसके अंतर्गत कुल 9 एलिवेटेड स्टेशन आते हैं. जनवरी 2025 में कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो रूट के विस्तार होने के बाद 5 और स्टेशन चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल भी इस नेटवर्क से जुड़ जाएंगे.
अंडरग्राउंड मेट्रो की शुरुआत
ये सभी स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, यानी शहर के अंदर अंडरग्राउंड मेट्रो से यात्रा का भी शुभारंभ हो जाएगा. खास बात यह है कि यह सभी स्टेशन शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में स्थित है, जिन्हें शहर का मुख्य व्यावसायिक केंद्र भी माना जा सकता है. इन क्षेत्रों से होकर मेट्रो के गुजरने से समय और ऊर्जा दोनों की ही बचत होगी. मेट्रो के सुविधाजनक और किफायती सफर का शहर की अर्थव्यवस्था पर भी काफी सकारात्मक असर पड़ेगा. यात्रियों के अलावा स्टूडेंट्स और व्यापारियों के लिए यह सफर काफी सुविधाजनक हो जाएगा.