दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (UPSC) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है
पूजा पर सिविल सर्विस एग्जामिनेशन में धोखाधड़ी करने और फर्जी तरीके से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ लेने का आरोप है. इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था UPSC ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी. नौकरी से बर्खास्त कर दिया था और उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई थी.
UPSC ने रद्द कर दी थी उम्मीदवारी
यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी. इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी. खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं. दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है. इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
कौन हैं बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर?
पूजा खेडकर 2022 बैच की पूर्व आईएएस अफसर हैं. सिविल सर्विस परीक्षा 2022 में पूजा खेडकर ने ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल किया था. यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद पूजा खेडकर ट्रेनिंग के बीच पुणे की असिस्टेंट कलेक्टर बनी. कार्यभार संभालते ही वो तब चर्चा आ गई जब उन्होंने अलग से चेंबर, लग्जरी कार और घर की डिमांड कर दी थी. इसके अलावा निजी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टीकर लगाकर घूमने पर विवाद और ज्यादा बढ़ गया. मुख्य सचिव से शिकायत के बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया.