कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो अलग-अलग राज्यों में 2 कार्यकर्ताओं की मौत का मामला सामने आया. कार्यकर्ताओं की मौत के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में सरकार पर जमकर हमला बोला है.उन्होंने कहा कि भाजपा शासित असम और उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र और संविधान की फिर से हत्या हुई है. विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए दोनों युवक कौन हैं? आइये जानते हैं.
कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान गोरखपुर के प्रभात पांडेय और असम के मृदुल इस्लाम की मौत हुई है. दोनों कार्यकर्ताओं की मौत का मामला लोकसभा में भी गूंजा. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में, राहुल गांधी ने दोनों कार्यर्काओं की मौत पर शोक व्यक्त किया, और उनकी मौत के पीछे ” पुलिस बल” को कारण बताया.
कौन था मृदुल इस्लाम?
मृदुल इस्लाम कांग्रेस के एक्टिव सदस्य थे, इसके अलावा पार्टी में कई पदों पर रह चुके थे. 45 वर्षीय मृदुल इस्लाम पेशे से वकील थे. इसके साथ ही असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के कानूनी सेल के सचिव थे.
असम में राज्य सरकार और अडानी समूह को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जिसमें मृदुल इस्लाम भी शामिल हुए थे. प्रदर्शन के दौरान ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. इसके कारण ही मृदुल इस्लाम को घुटन महसूस हुई. जिसके बाद उन्हें आनन फानन में उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने के कहा कि मृदुल इस्लाम की मृत्यु नहीं हुई, हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करके उनकी हत्या कर दी.
लतासिल थाने में दर्ज एफआईआर में कांग्रेस ने जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ मृदुल इस्लाम के परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी.
कौन था प्रभात पांडेय?
गोरखपुर जिले के सहजनवां गांव के रहने वाले प्रभात पांडेय की उम्र 28 साल की थी. वे राजनीति में एक्टिव होने से पहले एक प्राइवेट बैंक में नौकरी किया करते थे. अजय कुमार लल्लू के प्रदेश अध्यक्ष वाले कार्यकाल के दौरान पांडेय बूथ कांग्रेस के महासचिव रह चुके हैं. पांडेय परिवार के इकलौते बेटे थे. इसके अलावा उनकी दो बहनें भी हैं.
लखनऊ में विरोध प्रदर्शन में प्रभात भी पहुंचे थे. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी. कांग्रेस दफ्तर से लेकर प्रेरणा स्थल तक कई लेयर में पुलिस बैरिकेडिंग थी. रास्ता बंद कर दिया गया था. प्रभात पांडे की कथित तौर पर पुलिस के साथ झड़प के बाद, लखनऊ में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बीच मौत हो गई.
डीसीपी (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने कहा कि प्रभात, जिसकी पहचान दीपक पांडे के बेटे के रूप में की गई है, को शाम 5 बजे जब अस्पताल लाया गया तो उसके शरीर पर कोई चोट नहीं थी. उन्होंने कहा कि एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी. इसके बाद आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी.
कांग्रेस ने की 1 करोड़ मुआवजा देने की मांग
कार्यकर्ता की मौत पर कांग्रेस पूरी तरह से सरकार पर हमलावर बनी हुई है. पहले राहुल गांधी ने इस मामले को संसद में उठाया तो वहीं यूपी कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि हम इस घटना को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था. कांग्रेस के लिए यह दुख की घड़ी है. कांग्रेस मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए देगी.
उन्होंने आगे कहा कि योगी सरकार को मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को मुआवजे के रूप में सरकारी नौकरी देनी चाहिए.