AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में आरोपी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा और अनुराग इस समय बेंगलुरु जेल में बंद हैं. उन्हें बेंगलुरु पुलिस ने 14 दिंसबर को कोर्ट में पेश किया था. फिलहाल तीनों 15 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं. इस बीच निकिता सिंघानिया का बयान भी सामने आया है जो उसने बेंगलुरु पुलिस को दिया है.
निकिता ने बेंगलुरु पुलिस को कहा- मैंने या मेरी फैमिली ने कभी भी अतुल सुभाष को टॉर्चर नहीं दिया. न ही मैंने उनसे कभी पैसे मांगे. अगर मुझे पैसे ही चाहिए होते तो मैं अतुल के साथ ही रहती और उनसे पैसे ऐंठती रहती. मैं पिछले तीन साल से उससे अलग रह रही हूं. पहले मायके (जौनपुर) में रहती थी. फिर दिल्ली आ गई. मैं खुद नौकरी करती हूं. मैं क्यों अतुल से पैसे मांगूंगी.
इसके आगे निकिता ने कहा- अतुल बल्कि मुझे दहेज के लिए टॉर्चर करते थे. मुझसे मारपीट करते थे. इसी बात से तंग होकर मैं तीन साल पहले मायके आ गई थी. मेरी और उनके बीच कभी भी डायरेक्ट कोई बात नहीं हुई. वकीलों के माध्यम से ही हम लोगों की बात होती थी.
ये है अतुल सुभाष सुसाइड केस
बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी. यह केस देश में खूब सुर्खियों में है. अतुल ने मौत को गले लगाने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा और 1 घंटे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया. इसमें अतुल ने पांच लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया. कहा- मुझे मेरी पत्नी, सास, साला, चाचा ससुर पैसों के लिए लगातार टॉर्चर दे रहे हैं. मेरे ऊपर एक के बाद एक कुल 9 फर्जी केस लगवाए गए हैं.
‘बेटे से भी नहीं करवाती बात’
अतुल ने कहा- मेरी बीवी मुझे खुद छोड़कर मायके चली गई. बेटे व्योम को भी साथ ले गए. मैं साढ़े तीन सालों से अपने बेटे को देखने के लिए तरस गया हूं. मुझे उसकी शक्ल तक देखने नहीं दी जाती. न ही कभी बात करवाई जाती है. मैं तो बेटे की शक्ल तक भूल गया हूं कि वो कैसा दिखता होगा. पुरानी फोटो देखता हूं तभी उसकी शक्ल मुझे याद आती है. मेरी पत्नी मेरे बेटे को औजार बनाकर मुझसे पैसे ऐंठती है. सास और साले ने मुझसे 16 लाख रुपये उधार लिए थे. फिर वो 50 लाख की और डिमांड कर रहे थे. जब मैंने उन्हें और पैसे देने से इनकार कर दिया तो मेरे खिलाफ इन लोगों ने डर्टी गेम खेलनी शुरू कर दी.
80 हजार रुपये मेंटेनेंस की डिमांड
वीडियो में अतुल ने कहा- मुझसे पहले 1 करोड़ रुपये की डिमांड की गई. फिर 40 हजार प्रति माह बेटे को मेंटेनेंस देने की डिमांड की. मैं बेटे की मेंटेनेंस देता था. लेकिन बाद में यह रकम बढ़ाकर 80 हजार रुपये कर दी गई. इतनी तो मेरी खुद की सैलरी नहीं है. मैं कहां से इतना पैसा लाऊंगा. इतने से भी उनका जी नहीं भरा तो मुझसे 3 करोड़ रुपये मांगे जाने लगे. मैंने जब कोर्ट में कहा कि इतने रुपये देने वाला तो खुदकुशी कर लेगा. इस पर मेरी बीवी ने कहा कि तुम भी सुसाइड कर लोग. जज साहिबा ने इस पर पत्नी को कुछ नहीं कहा. बल्कि वो हंसने लगीं. उल्टा मुझे कहने लगीं कि तुम मुझे 5 लाख रुपये दे दो. मैं केस सैटल कर दूंगी. मुझे जज साहिबा रीता कौशिक ने भी पैसों के लिए खूब टॉर्चर किया.
14 दिसंबर को गिरफ्तारी
इसके बाद अतुल ने सुसाइड कर लिया. अतुल के भाई विकास मोदी की तहरीर पर 10 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया, निशा, अनुराग और सुशील के खिलाफ केस दर्ज किया. केस दर्ज करने के चार दिन बाद 14 पुलिस को कामयाबी मिली. निकिता को गुरुग्राम से अरेस्ट किया गया. अतुल की सास निशा और साले अनुराग को प्रयागराज से अरेस्ट किया गया. तीनों को प्रयागराज कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में लिया गया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
वहीं, फरार होते ही निकिता समेत चारों आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका के लिए अप्लाई किया था. सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों की याचिका पर फैसला सुनाया. चारों आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी. लेकिन इसका फायदा चारों में से सिर्फ एक को ही मिलेगा. क्योंकि पत्नी, सास और साला पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. ऐसे में यह जमानत अब उनके किसी काम की नहीं रह जाती है. अब केवल अतुल की पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया को ही राहत मिल पाएगी. यानि पुलिस फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकेगी.