श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके आज से 17 दिसंबर तक भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. यह यात्रा उनके राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा होगी श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि इस दौरान राष्ट्रपति दिसानायके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे उनके साथ श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ और वित्त उप मंत्री अनिल जयंता फर्नांडीस भी होंगे
यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को बढ़ावा देने का एक अवसर है. राष्ट्रपति दिसानायके दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे, जिसमें दोनों देशों के आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी इसके अलावा, वह बोधगया भी जाएंगे, जो उनके धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण स्थल है
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा सहयोग और अन्य प्रमुख द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत होने की संभावना है. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा अक्टूबर में कोलंबो यात्रा के दौरान हुई मुलाकात में दोनों देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया था. इस मुलाकात में जयशंकर ने भारत के ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत श्रीलंका को समर्थन देने की प्रतिबद्धता भी जाहिर की थी.
दिसानायके कब बने थे राष्ट्रपति?
अनुरा कुमारा दिसानायके श्रीलंका के राष्ट्रपति 23 सितंबर 2024 को बने थे. वे श्रीलंका की राष्ट्रीय पीपुल्स पावर (NPP) पार्टी के नेता हैं और इस पद पर चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना कार्यभार संभाला. श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी है और भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत इसका अहम स्थान है. राष्ट्रपति दिसानायके की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो भविष्य में क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा.