केंद्र सरकार सोमवार को पेश कर सकती है ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल

देश में एक साथ चुनाव यानी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बिल को गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. वहीं, अब सरकार इससे जुड़े दो बिल लोकसभा में पेश करने जा रही है. सरकार ने बिल का मसौदा लोकसभा सदस्यों को भेज दिया है. माना जा रहा है कि सरकार सोमवार को इन दोनों बिलों को लोकसभा में पेश कर सकती है.

इस बिल के जरिए संविधान में दो मुख्य बदलाव किए जाने हैं. इससे 129वां संविधान संशोधन और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के कानून में बदलाव होगा. एक देश एक चुनाव से जुड़े जो दो बिल सरकार लाने जा रही है, उनका नाम केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 और संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 है.

129वां संविधान संशोधन में क्या बदलाव होंगे?
सरकार अगले हफ्ते संसद में इससे जुड़े बिल को पेश कर संविधान के चार अनुच्छेदों में संशोधन का प्रस्ताव रखेगी. ये चार अनुच्छेद 82ए, 83, 172 और 327 हैं. संविधान संशोधन विधेयक में एक नया अनुच्छेद 82ए (लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव) शामिल करना और अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों का कार्यकाल), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल) और अनुच्छेद 327 (संशोधन का प्रस्ताव) में संशोधन करना शामिल है. संविधान के अनुच्छेद 327 में ‘निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन’ शब्दों को ‘एक साथ चुनाव कराना’ शब्दों से बदल दिया जाएगा.

केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम में भी बदलाव
सरकार ने एक साथ चुनाव कराने के लिए केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम 1963 की धारा 5 और राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 5 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है. इसी तरह, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 17 में भी संशोधन किया जाएगा ताकि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकें. विधेयक में 2034 के बाद एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव है.

रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी थी समिति
सरकार ने कहा कि वर्ष 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव एक साथ हुए थे. हालांकि, 1968 और 1969 में कुछ विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण लोकसभा के एक साथ चुनाव कराने का चक्र बाधित हो गया था.

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एक साथ चुनाव कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर, 2023 को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था. विचार-विमर्श और जांच के बाद समिति ने एक साथ चुनाव कराने के लिए 14 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिशें सौंपी थीं.

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