अबु मोहम्मद अल-जोलानी की अगुवाई वाले हयात तहरीर अल-शाम गुट ने किया है बशर अल असद को सत्ता से बेदखल

सीरियाई विद्रोहियों ने रविवार (8 दिसंबर) को देश की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया और असद परिवार का 50 साल लंबा शासन समाप्त कर दिया. खुद राष्ट्रपति के रूप में बशर अल-असद का 24 साल लंबा शासन भी खत्म हो गया है. देश में जगह-जगह जश्न मनाया जा रहा है. दुनियाभर के देश इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

इससे पहले सीरिया के सबसे शक्तिशाली विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में विद्रोही रविवार को राजधानी शहर में घुसे, तो सीरियाई राष्ट्रपति को देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर भाग गए. हालांकि, बाद में मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि वह रूस के मॉस्को पहुंच चुके हैं. इन सब घटनाक्रम के बीच लोगों के मन में सीरिया को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जैसे- इस युद्ध को लीड करने वाला एचटीएस क्या है, एचटीएस का मुखिया अबु मोहम्मद अल-जोलानी कौन है और अभी सीरिया की सत्ता किसके हाथ में है.

क्या है हयात तहरीर अल-शाम?

सीरिया में जिस विद्रोही गुट ने पूरे देश पर कब्जा जमाया है और राष्ट्रपति बशर अल-असद को भागने को मजबूर किया है उसका नाम हयात तहरीर अल-शाम है. यह गुट लंबे समय से बशर सरकार के खिलाफ लड़ रहा था. यह कभी आंतकी संगठन अल कायदा की शाखा रहा है. हालांकि, 2016 में इस संगठन ने खुद को अल कायदा से अलग कर लिया था. एचटीएस का नेतृत्व अभी अबु मोहम्मद अल जोलानी के पास है, जो बेहद कट्टरपंथी माना जाता है. पश्चिमी देश एचटीएस को आतंकी संगठन मानते हैं.

कौन है अबु मोहम्मद अल-जोलानी?

हयात तहरीर अल शाम का प्रमुख अबु मोहम्मद अल-जोलानी एक इस्लामिक नेता है, लेकिन वह खुद के आधुनिक होने का दावा करता है. जब जोलानी ने एचटीएस को अल कायदा से अलग किया था, तभी से ही इसका मकसद सीरिया की सत्ता से बशर अल असद सरकार को हटाना था. अबु अल-जोलानी का जन्म 1982 में हुआ था. उसकी परवरिश सीरिया की राजधानी दमिश्क के माजेह इलाके में हुई. जोलानी के परिवार का ताल्लुक गोलान हाइट्स इलाके से है. कई इंटरव्यू में वह दावा कर चुका है कि उसके दादा को वर्ष 1967 में गोलान हाइट्स से भागना पड़ा था, तब यहां इस्रायल का कब्जा हो गया था.

अभी किसके पास है सीरिया की सत्ता?

इस गृह युद्द में असंभव को संभव करने का काम अबु मोहम्मद अल जोलानी की अगुवाई वाले हयात तहरीर अल-शाम ने किया है. ऐसे में यहां की सत्ता पर फिलहाल कब्जा तो एचटीएस का ही है, लेकिन इसे वह पूरी तरह से नहीं चला रहा है. इसकी वजह ये है कि सत्ता का हस्तांतरण अभी नहीं हुआ है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि कल जब राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर फरार हुए तो उसके कुछ देर बाद ही सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने विद्रोहियों के साथ सहयोग करने पर सहमति जताई और कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण सुनिश्चित करेंगे. इसके बाद, HTS प्रमुख अबु मोहम्मद अल-जोलानी ने अपने सैनिकों को सार्वजनिक संविधानों से दूर रहने का आदेश दिया, जब तक कि प्रधानमंत्री की ओर से आधिकारिक हस्तांतरण पूरा नहीं हो जाता. ऐसे में साफ है कि सत्ता का हस्तांतरण पूरा होने के बाद ही एचटीएस देश की बागडोर संभालेगा.

नई सरकार में लगेगा कितना समय?

अब सवाल उठता है कि प्रमुख लीडर कौन होगा. हालांकि, माना जा रहा है कि विद्रोही नेता अबु मोहम्मद अल-जोलानी ही नई सरकार का प्रमुख लीडर होगा, लेकिन इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. दरअसल, जोलानी ने सत्ता हस्तांतरण के लिए तत्काल एक कमिटी बनाने की बात कही है. एक बयान में, अल-जोलानी ने सीरियाई लोगों की ओर से चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की है.

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