पटना: खान सर हिरासत में, BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के नियम में बदलाव को लेकर बिहार में बवाल

13 दिसंबर को होने वाली 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा के नियमों में बदलाव को लेकर पटना में अभ्यर्थियों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीएससी कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में छात्र और अभ्यर्थी उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी नियमों में बदलाव के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और सरकार से जल्द फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि BPSC द्वारा परीक्षा के लिए जो नए नियम लागू किए गए हैं, वे उनके लिए अनावश्यक और भेदभावपूर्ण हैं अभ्यर्थियों का आरोप है कि नियमों में अचानक बदलाव से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है वे कहते हैं कि इस बदलाव से उनकी तैयारी पर असर पड़ा है, और यह न सिर्फ उनके मेहनत को नजरअंदाज करता है, बल्कि भविष्य को भी प्रभावित कर सकता है

पुलिस ने किया लाठी चार्ज
बीएससी कार्यालय के बाहर जब प्रदर्शन तेज हुआ, तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा उग्र प्रदर्शन के बाद, पुलिस ने लाठी चार्ज किया प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे बीपीएससी परीक्षा में नियमों के बदलाव से होने वाली असमंजस की स्थिति को लेकर विद्यार्थी काफी परेशान हैं और इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा का माहौल है

बीएससी अधिकारी और राज्य सरकार ने फिलहाल छात्रों के प्रदर्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन छात्रों के दबाव और प्रदर्शन के बाद सरकार और बीपीएससी से इस मामले पर जल्द ही कोई औपचारिक बयान जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है

तेजस्वी यादव ने जताया विरोध
हाल ही में, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने 70वीं BPSC परीक्षा को लेकर एनडीए सरकार पर निधाना साधा उन्होंने 70वीं बीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को इस मूल्यांकन पद्धति पर अपना स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहिए

तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘𝟕𝟎वीं 𝐁𝐏𝐒𝐂 परीक्षा में नॉर्मलाईज़ेशन की आंकलन पद्धति पर आयोग अपना मंतव्य स्पष्ट करें. छात्र विरोधी 𝐍𝐃𝐀 सरकार से हमारी मांग है कि परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर, एक पैटर्न में बिना पेपर लीक हो आयोग को अभ्यर्थियों की इस समस्या एवं माँग का संज्ञान अवश्य लेना चाहिए कि फॉर्म भरने की आखिरी तिथि से 𝟐-𝟑 पूर्व में सर्वर के ठीक से कार्य नहीं करने के कारण लाखों विद्यार्थी फॉर्म भरने से वंचित रह गए थे

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीपीएससी 70वीं संयुक्त परीक्षा में परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिसके कारण विपक्ष और छात्र नेताओं ने विरोध जताया है उनका कहना है कि इस व्यवस्था को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता है

बीपीएससी का मानना है कि परसेंटाइल और नार्मलाइजेशन पद्धति से पेपर लीक को रोका जा सकेगा, क्योंकि इस पद्धति के तहत आयोग अलग-अलग सेट के प्रश्न पत्र तैयार करेगा. हालांकि, विरोधी पक्ष का कहना है कि परीक्षा में केवल एक ही सेट का प्रश्न पत्र होना चाहिए, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिले उनका तर्क है कि अगर अलग-अलग सेट में प्रश्न पत्र होंगे, तो कुछ सेट में कठिन सवाल होंगे, जबकि कुछ में सरल सवाल इससे परीक्षा के निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं

नॉर्मलाइजेशन क्या है?
नॉर्मलाइज़ेशन एक प्रक्रिया है, जिसके ज़रिए किसी परीक्षा में मिले अंकों को सामान्य किया जाता है यह प्रक्रिया, तब अपनाई जाती है, जब एक से ज़्यादा पालियों में परीक्षा आयोजित की जाती है नॉर्मलाइज़ेशन की मदद से, परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर कैंडिडेट्स का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है

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