उपराष्ट्रपति, आईआईटी कानपुर के छात्रों को ‘भारत के विकास में नवाचार की भूमिका’ मुद्दे पर संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल भी उपस्थित थे.
‘इनोवेशन में 4S…’
धनखड़ ने कहा कि अटल इनोवेशन मिशन, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी तमाम सरकारी योजनाओं ने सकारात्मक बदलाव लाए हैं इसका एक छोटा सा उदाहरण मोबाइल फोन सेक्टर है, जहां निर्माताओं की तादाद मुट्ठी भर से इतनी ज्यादा हो गई है कि भारत अब न केवल देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए फोन बना रहा है
उपराष्ट्रपति ने कहा, “नवाचार में 4S को शामिल किया जाना चाहिए और ये सिद्धांत मौलिक हैं- स्मार्ट, सॉल्यूशन-ओरिएंटेड, स्केलेबल और सस्टनेबल. और इन शब्दों का मतलब बड़ा है.
धनखड़ ने कहा, “सरकार जो करती है, वह अलग है. जिनको मिल रहा है, उन्हें देखिए. किसी ने उम्मीद नहीं की थी. उस गहरी तकनीकी पैठ से क्या हुआ है? फंड का कोई रिसाव नहीं, कोई बिचौलिया नहीं, कोई भ्रष्ट तत्व नहीं, पारदर्शिता और जवाबदेही और सबसे अहम बात यह है कि तेजी से काम करना” उन्होंने कहा कि सॉल्यूशन ओरिएंटेड इनोवेशन के लिए कृषि से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक के क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया की समस्याओं को समझना जरूरी है.
‘किसानों को इनोवेशन का फायदा नहीं मिला…’
उपराष्ट्रपति ने आईआईटी कानपुर से किसानों के लिए काम करने और पराली जलाने की समस्या का समाधान खोजने की अपील की. धनखड़ ने कहा, ”मैं बहुत आभारी रहूंगा, अगर आईआईटी कानपुर किसानों के कल्याण को मिशन मोड में ले सके और कुछ समस्याएं तो बहुत साफ हैं, जैसे पराली जलाना. कृपया अपने दिमाग को खंगालें, समाधान खोजें. आज हमारा किसान तनावग्रस्त है क्योंकि किसान को इनोवेशन का लाभ नहीं मिला है”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार और प्रौद्योगिकी ने गांवों में भी लोगों को बस या ट्रेन टिकट, आधार, पासपोर्ट आवेदन या बिल जमा करने जैसे काम जल्दी से निपटाने में मदद की है. उन्होंने कहा, “आपको यकीन नहीं होगा कि पहले लोग अपने बिजली बिल जमा करने के लिए काम से एक दिन की छुट्टी ले लेते थे, क्योंकि कतारें बहुत लंबी होती थीं, लेकिन इनोवेशन की वजह से अब वे सभी कतारें खत्म हो गई हैं”
धनखड़ ने कहा कि अर्थव्यवस्था को वह उछाल मिलेगा, जिसकी उसे जरूरत है और विनिर्माण नवाचार विशेष रूप से अहम है उन्होंने ‘भारत में डिजाइनिंग’ से ‘भारत में विनिर्माण’ की ओर प्रगति की जरूरत पर जोर दिया
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शोध केवल अकादमिक प्रशंसा के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि इसके मूल में आम जनता के लिए कुछ परिवर्तनकारी होना चाहिए उन्होंने कहा, “भारत की पेटेंट फाइलिंग 2014-15 में 42,763 से बढ़कर 2023-24 में 92,000 हो गई है और इस प्रोसेस में, हम वर्ल्ड लेवल पर छठे स्थान पर हैं. हम इससे संतुष्ट नहीं हो सकते, हमें शिखर पर होना चाहिए।”
धनखड़ ने कहा कि भारत में 1,50,000 स्टार्टअप के साथ तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यहां 118 यूनिकॉर्न हैं, जिनकी कीमत 354 बिलियन अमेरिकी डॉलर है