चेन्नई- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मदुरै जिले में टंगस्टन खनन अधिकार दिए जाने के केंद्र के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसे रद्द करने का आग्रह किया और कहा कि राज्य सरकार जैव-विविधता विरासत स्थल तथा लोगों के विरोध जैसे पहलुओं पर विचार करते हुए वहां खनन की अनुमति नहीं देगी।
स्टालिन ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि अधिसूचित जैव-विविधता विरासत स्थल खनन के लिए प्रस्तावित क्षेत्रों में से एक है और घनी आबादी वाले गांवों में वाणिज्यिक खनन निश्चित रूप से लोगों को प्रभावित करेगा जिन्हें अपनी आजीविका हमेशा के लिए खत्म होने का भय है, इसलिए राज्य वहां खनन की अनुमति कभी नहीं देगा।
प्रस्तावित खनन के खिलाफ लोगों द्वारा पूर्व में किए गए विरोध को ध्यान में रखते हुए स्टालिन ने ‘केंद्र सरकार द्वारा टंगस्टन के खनन अधिकार दिए जाने के कारण मदुरै जिले में गंभीर स्थिति’ की ओर इशारा किया और इसे रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
राज्य ने तीन अक्टूबर 2023 को लिखे पत्र के माध्यम से महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के खनन अधिकारों की इस तरह की नीलामी पर पहले ही चिंता व्यक्त की थी। स्टालिन ने अपने पत्र में कहा, ‘‘लेकिन तत्कालीन केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री ने दो नवंबर 2023 को लिखे अपने पत्र में इसे खारिज करते हुए कहा था कि देश के व्यापक हित में खान मंत्रालय द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी को रोका नहीं जा सकता है।’’
इस बीच, केंद्रीय खान मंत्रालय ने सात नवंबर 2024 को ‘ट्रांच’- चतुर्थ के तहत नायकरपट्टी टंगस्टन ब्लॉक (महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज) के लिए हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया है। इस टंगस्टन ब्लॉक में कवट्टायमपट्टी, एट्टिमंगलम, ए वल्लालपट्टी, अरिट्टापट्टी, किदारीपट्टी और नरसिंगमपट्टी गांव शामिल हैं।