राम गोपाल ने मामले में जजों पर ही आपत्तिजनक बयान दिया

नई दिल्ली। अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव का रिएक्शन आया है। राम गोपाल ने मामले में जजों पर ही आपत्तिजनक बयान दिया है। कोर्ट द्वारा मामले पर सुनवाई पर राजी होने पर राम गोपाल ने कहा कि छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं।

राम गोपाल ने आगे कहा कि पूरी दुनिया से लोग अजमेर शरीफ आते हैं और हमारे प्रधानमंत्री भी दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं। संभल हिंसा पर उन्होंने कहा कि संभल घटना में प्रशासन सौ फीसदी दोषी है। जिस दिन निष्पक्ष जांच होगी, कई वरिष्ठ अधिकारी जेल जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज फिर मैंने संभल मुद्दे पर सदन में नोटिस दिया है।

दरअसल, राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। अजमेर की एक सिविल अदालत बुधवार को अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचक महादेव मंदिर होने से जुड़ी याचिका को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। सिविल न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 दिसंबर की जारी की है।

अदालत में हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सरिता विहार निवासी विष्णु गुप्ता ने वकील शशि रंजन कुमार सिंह के माध्यम से 26 सितम्बर को याचिका दायर की गई थी। मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को किया जाना सुनिश्चित किया गया है। मामले में जिन तीन पक्षों को नोटिस दिया है उनमें दरगाह कमेटी अजमेर, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय नई दिल्ली और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग शामिल है।

याचिका कर्ता विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका स्वीकार होने को जीत बताया है। उन्होंने कहा कि दो माह से याचिका इधर से उधर कोर्ट में घूम रही थी। जज अवकाश पर होने या छुट्टी होने के कारण सुनवाई नहीं हो रही थी। दो माह बाद इस पर अदालत ने सुनवाई कर सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि याचिका में उन्होंने कहा है कि वे भगवान संकट मोचन महादेव मंदिर के संरक्षक हैं। यह मंदिर दरगाह परिसर में है। प्राचीन काल में इस मंदिर के स्थान पर दरगाह बना दी गई। याचिका में मंदिर में पूजा-अर्चना के अधिकार की मांग की गई थी और अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी। साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से क्षेत्र का सर्वेक्षण कराने का अनुरोध किया गया था। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर को भगवान संकट मोचन महादेव का मंदिर घोषित करने और वहां पूजा-अर्चना की अनुमति देने अदालत से आग्रह किया गया है।

अब इसपर राजनीति भी तेज हो गई है। मामले में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि ऐसी चीजें पूरे देश में आग लगा देंगी। क्या हो रहा है? पीएम को इस मामले को देखना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए। आप एक पूरे समुदाय को कहां किनारे करना चाहते हैं? आप उनके धार्मिक स्थलों और संपत्तियों को नहीं छोड़ रहे हैं। आप हमें कहां किनारे करना चाहते हैं? आप किस मस्जिद के नीचे मंदिर देखेंगे? कोई सीमा है या नहीं? उन्होंने (केंद्र सरकार) उपासना अधिनियम 1991 को अलग रखा है। कांग्रेस सांसद ने आगे पूछा कि क्या भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए पूरे देश को जला देगी?

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