सामाजिक सौहार्द का पर्व: दीपावली पर एकता और प्रेम का संदेश

नई दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने दीपावली के शुभ अवसर पर समस्त देशवासियों को बधाई देते हुए सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि दीपावली को “सर्वधर्म दीपावली” के रूप में मनाना चाहिए, जहाँ हर धर्म को समर्पण और सम्मान मिले। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का पालन करने के साथ अगर सभी धर्मों का आदर किया जाए तो न केवल धर्म में सच्ची आस्था बनी रहती है, बल्कि राष्ट्र की एकता भी सशक्त होती है।

इसी भावना को साकार करते हुए, बीती शाम नई दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर सभी धर्मों के लोग दीपोत्सव मनाने पहुंचे। दरगाह में दीप जलाकर सबने एकता, भाईचारे और प्रेम का प्रतीक स्थापित किया। आज मोतिया खान के डीडीए एचआईजी फ्लैट्स में भी विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ दीपावली का पर्व मनाने के लिए एकत्र हुए, जहाँ सबने खुलूस, अपनापन और प्रेम के साथ त्यौहार का आनंद लिया।

इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में सवाल उठाया कि भगवान, ईश्वर, अल्लाह, गॉड, रब, चाहे किसी भी नाम से पुकारा जाए, उपासना की भावना में भेद नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर हम सब मिलकर मानवता को बढ़ावा देंगे तो देश प्रगति के मार्ग पर और तेजी से अग्रसर होगा।

इसी संदेश को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की विशेषता यही है कि यहाँ हमेशा भाईचारा, मेलमिलाप और सौहार्द कायम रहा है और रहेगा। हमारे देश में किसी भी कठिनाई का हल तलाक नहीं, बल्कि मोहब्बत है। हमारा रास्ता अमन और भाईचारे का है, जो हमें एकजुट रखता है।

दीपों की इस जगमगाहट में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों के साथ हर धर्म और हर समुदाय के लोगों ने यह साबित किया कि भारत सचमुच “सारे जहां से अच्छा” है, जहाँ हर दिल में मेलमिलाप और सौहार्द का दीप जलता है।

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