छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की राशि से महिलाएं हो रहीं सशक्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना ने राज्य की महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की है बल्कि उनके आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को भी बढ़ाया है। इस योजना के माध्यम से महिलाएं न केवल अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को भी समय पर पूरा कर रही हैं।

दीपावली से पहले राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान महतारी वंदन योजना के तहत राशि का अंतरण महिलाओं के लिए गर्व का क्षण था। इससे प्रदेश भर की महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों के खाते में नौंवी किस्त की राशि अंतरित हुई, जिसमें कोण्डागांव जिले के एक लाख 39 हजार 177 महिलाओं को दीपावली पर्व के पहले न केवल आर्थिक सहयोग मिला, बल्कि यह भी एहसास हुआ कि सरकार उनके संघर्षों को समझ रही है और उन्हें सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

लीला बाई यादव को बेहतर जीवनयापन में मिली मदद

ग्राम बफना की रहने वाली लीला बाई यादव पेशे से मितानिन हैं और उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हर महीने महतारी वंदन योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलती है। लीला बती कहती हैं, ‘इस योजना से मुझे बहुत खुशी है क्योंकि सरकार हमें घर चलाने के लिए आर्थिक मदद कर रही है, जिससे हम छोटे-मोटे खर्चे आसानी से पूरा कर पाते हैं।

घर के खर्चों में शैलेंद्री पोयाम को मिल रही राहत

ग्राम कलेकसा पारा, बफना की शैलेंद्री पोयाम गृहिणी हैं। महतारी वंदन योजना के तहत मिलने वाली सहायता से शैलेंद्री को अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है। इस योजना से उन्हें घर चलाने के लिए आर्थिक राहत मिली है, जिससे उनका परिवार सुखी और संतुलित जीवन बिता रहा है।

हितेंद्री देवांगन को बच्चों की पढ़ाई में मिल रही मदद

बफना, कलेकसा पारा की रहने वाली हितेंद्री देवांगन एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं और उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हजार रुपये मिलते हैं। हितेंद्री कहती हैं, ‘इस बार दीपावली से पहले हमें राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह राशि मिली, जो हमारे लिए गर्व की बात है। इससे हम दीपावली में बच्चों के लिए पटाखे और मिठाई जैसी जरूरतें पूरी कर पाएंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महतारी वन्दन योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाने और उनके जीवन में बदलाव लाने के लिए 1000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। लीला बाई, शैलेंद्री और हितेंद्री जैसी महिलाएं इस योजना की वास्तविक लाभार्थी हैं और उनकी कहानियाँ बताती हैं कि यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और पारिवारिक सामंजस्य का भी प्रतीक है।

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