दिवाली का त्योहार खुशियों, रोशनी और तरह-तरह की मिठाइयों और व्यंजनों से भरा होता है। इस त्योहार पर परिवार के सभी सदस्य और दोस्त एक-दूसरे से मिलते हैं, तोहफे देते हैं और पकवानों का आनंद लेते हैं। हालांकि, इतना खाने की वजह से पाचन से जुड़ी समस्याएं, जैसे- ब्लोटिंग, अपच आदि हो सकता है, लेकिन इसके कारण आपको अपने खाने-पीने पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है। कुछ आयुर्वेदिक उपायों की मदद से आप अपने पाचन को बेहतर बनाए रख सकते हैं।
आयुर्वेद का इस्तेमाल इलाज के लिए कई सालों से हमारे देश में होता आया है। आयुर्वेदिक उपायों की मदद से पाचन दुरुस्त रहता है और इनसे सेहत को कोई नुकसान भी नहीं होता, जैसा आमतौर पर अंग्रेजी दवाओं की वजह से हो सकता है। आयुर्वेद के बारे में दुनियाभर में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल 29 अक्टूबर को आयुर्वेद डे मनाया जाता है। आयुष मंत्रालय ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी और इस साल ये 9वां आयुर्वेद डे मनाया जाएगा। इसी मौके पर आइए जानते हैं पाचन दुरुस्त रखने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय।
बेहतर पाचन के लिए आयुर्वेदिक उपाय
खाने में संतुलन
हल्का खाना- तले-भुने और ज्यादा मसालेदार खाना खाने से बचें। हल्का, पौष्टिक और आसानी से पचने वाला भोजन जैसे दालें, सब्जियां, सलाद आदि का सेवन करें।
फल- मौसमी फल जैसे सेब, नाशपाती, संतरा आदि पाचन के लिए फायदेमंद होते हैं।
दही- दही पाचन शक्ति को बढ़ाता है और आंतों को स्वस्थ रखता है।
घी- घी पाचन में सहायक होता है और शरीर को एनर्जी देता है।
जड़ी-बूटियों की मदद लें
अजवाइन- अजवाइन पाचन को बेहतर बनाने और पेट की गैस को कम करने में मदद करती है। इसके पाउडर में थोड़ी हींग और काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ खाने से पाचन को काफी फायदा मिल सकता है। इससे गैस की समस्या से राहत मिलती है।
जीरा- जीरा पाचन शक्ति को बढ़ाता है और साथ ही, भूख को भी बढ़ाता है। इसे भी पानी में उबालकर इसका पानी पीने से पाचन दुरुस्त रहता है।
धनिया- धनिया पाचन को शांत करता है और पेट की जलन को कम करता है।
त्रिफला- त्रिफला एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो पाचन को बेहतर बनाने और आंतों को साफ करने में मदद करती है।
दालचीनी- दालचीनी पाचन को बेहतर बनाता है और आंतों को हेल्दी रखने में मदद करता है।
खूब पानी पिएं- दिनभर भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इससे आपका पाचन बेहतर तरीके से काम करेगा।