लखनऊ। राजधानी में कारोबारी मोहित पाण्डेय की पुलिस कस्टडी में हुई मौत का मामले पुलिस पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। आजाद अधिकार सेना की तरफ से पुलिस पर इस मामले में कई स्तर पर गुनाह करने के आरोप लगाये गये हैं।
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और डॉ नूतन ठाकुर ने सोमवार को मोहित पांडे के परिजनों से मुलाकात की है। मुलाकात के बाद अमिताभ ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पुलिस द्वारा कई स्तर पर गुनाह किया गया है। उन्होंने कहा कि पहला गुनाह मोहित को 25 अक्टूबर को रात 10:00 बजे समर्पण अस्पताल के पास से थाने ले जाया गया, जिस संबंध में उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद काफी विलंब से थाने की जनरल डायरी में एंट्री की गई।
साथ ही मोहित के बड़े भाई शोभाराम पांडे को भी थाने के लॉकअप में अवैध रूप से रखा गया था, जिन्हें मोहित की तबीयत खराब होने पर लोहिया अस्पताल तक ले जाया गया और मोहित की मौत की आधिकारिक जानकारी होने के बाद उसे तत्काल छोड़ने की जगह जबरदस्ती मेडिकल कराने और एसीपी गोमती नगर ऑफिस में जमानत कराने के नाम पर कई घंटे तक बैठाया गया।
इसी तरह मोहित के शव को उसके घर लाने पर भी पुलिस वालों ने शव को बाहर ही रखा और उसके चोटों की फोटो लेने से मना कर दिया। अमिताभ और नूतन ठाकुर ने डीजीपी को पत्र भेज कर इन बिंदुओं को भी विवेचना में शामिल करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा मात्र 10 लाख रुपए देने को पूरी तरह अपर्याप्त बताते हुए पीड़ित परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपया और सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।
बता दें कि पुलिस कस्टडी में कारोबारी मोहित पांडेय की मौत के बाद सोमवार को उनके परिजनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से अपना दर्द बयां किया। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये, आवास, बच्चों की निशुल्क शिक्षा व शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश दिया। सीएम योगी ने पीड़ित परिवारीजनों को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। किसी भी सूरत में दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।