बना रहे देवभूमि का मूल स्वरूप, सहमति से बनेगा भू कानून

25 वर्षों के सफर में छोटे से राज्य ने बहुत से मायनों में कई बड़े राज्य को पीछे छोड़ दिया है। तेजी से पहचान बनाने वाले एक से पांच रेटिंग तक वाले राज्यों में उत्तराखंड का स्थान है। सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तराखंड नीति आयोग के सूचकांक में पहले नंबर पर आया है। जो संपूर्ण उत्तराखंड के लोगों के लिए गर्व की बात है।

70 हजार करोड़ के निवेश पर काम चल रहा
राज्य के विकास में उनके योगदान की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य ने जीएसटी कलेक्शन, राजस्व, स्टांप डयूटी, पर्यटन, आबकारी समेत विभिन्न क्षेत्रों में आय को बढ़ाया। सबसे बदनाम सेक्टर खनन के लिए नई संभावनाओं पर विचार करते हुए नई नीति बनाई गई। जो खनन अब तक चोरी का पर्याय बनता था वह अब नई नीति के तहत पहले छह माह में करीब 400 करोड़ का राजस्व अर्जित कर चुका है।

जो पूरे साल में 1200 करोड़ के पार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि सरकार और उद्यमी मिलकर ऐसा वातावरण बनाएंगे जिसमें राज्य के एक भी युवा को काम के लिए बाहर ना जाना पड़े। कहा कि ई समिट में तीन करोड़ 54 लाख के एमओयू साइन हुए। जिनमें 70 हजार करोड़ के निवेश पर काम चल रहा है।

बना रहे देवभूमि का मूल स्वरूप, सहमति से बनेगा भू कानून
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें देवभूमि के मूल स्वरूप में बने रहने की तरफ ध्यान देना होगा। इसी के मद्देनजर धर्मांतरण कानून, दंगा रोधी कानून, समान नागरिक संहिता आदि की तरफ कदम बढ़ाया गया। नकल विरोधी कानून पूरे देश के लिए मॉडल बन रहा है। वहीं अब प्रदेश के विकास के लिए जमीन की जरूरत के अनुसार सभी हितधारकों के सुझावों पर अमल करते हुए सशक्त भू कानून बनाया जाएगा।

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