नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल स्थित भूमि बंदरगाह पर यात्री टर्मिनल भवन और मैत्री द्वार का उद्घाटन करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि पेट्रापोल भूमि बंदरगाह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भूमि बंदरगाह है। यह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश) व्यापार और यात्री आवागमन दोनों के मामले में भारत-बांग्लादेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमि सीमा क्रॉसिंग में से एक है। भारत और बांग्लादेश के बीच लगभग 70 प्रतिशत भूमि आधारित व्यापार (मूल्य के हिसाब से) इसी भूमि बंदरगाह के ज़रिए होता है। पेट्रापोल भूमि बंदरगाह भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन बंदरगाह भी है और यह भारत और बांग्लादेश के बीच सालाना 23.5 लाख से ज़्यादा यात्रियों की आवाजाही की सुविधा देता है।
पेट्रापोल भूमि बंदरगाह पर तैयार किया गया यात्री टर्मिनल भवन सभी आधुनिक सुविधाओं जैसे वीआईपी लाउंज, ड्यूटी फ्री शॉप, बेसिस मेडिकल सुविधा, शिशु फीडिंग रूम, खाद्य और पेय पदार्थ आउटलेट आदि से सुसज्जित है। प्रतिदिन 20 हजार यात्रियों को संभालने की क्षमता और एक ही छत के नीचे आव्रजन, सीमा शुल्क और सुरक्षा सेवाएं प्रदान करेगा। मैत्री द्वार जीरो लाइन पर एक संयुक्त कार्गो गेट है, जिस पर दोनों देशों ने सहमति जताई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 9 मई 2023 को इसकी आधारशिला रखी थी।
भूमि बंदरगाह पेट्रापोल पर प्रतिदिन लगभग 600-700 ट्रकों की आवाजाही के मद्देनजर एलपीएआई ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मैत्री द्वार नामक एक नया कॉमन सेकेंड कार्गो गेट स्थापित किया है। कार्गो मूवमेंट के लिए इस गेट का उद्देश्य दोनों देशों के बीच माल के प्रवाह को आसान और सुव्यवस्थित करना है। गेट आधुनिक सुविधाओं जैसे एएनपीआर, बूम बैरियर, फेशियल रिकग्निशन कैमरे और भारतीय और बांग्लादेशी ट्रकों के लिए प्रवेश व निकास बिंदुओं से सुसज्जित है। यह कार्गो मूवमेंट के लिए एक समर्पित गेट होगा।