लखनऊ। सीएम योगी ने कहा कि यूपी के अंदर सिल्क के कलस्टर जिन क्षेत्रों में विकसित हो सकते हैं या जहां संभावनाएं बनी हुई हैं, वहां भी उसे तेजी के साथ बढ़ाने के लिए प्रयास प्रारंभ करना होगा। आवश्यकता पड़ने पर विभाग को अलग से भी ऐसे किसान, जो रेशम मित्र के रूप में सहभागिता कर इस फील्ड की संभावनाओं को धरातल पर उतारकर उप्र को स्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मक राज्य के रूप में अन्य राज्यों की तुलना में खड़ा कर सकें। उनका सहयोग लेना होगा। इंसेंटिव की व्यवस्था समयबद्ध रूप से आगे बढ़े तो यूपी की संभावनाओं को इस फील्ड में भी बहुत बेहतर तरीके से देश-दुनिया के सामने कर सकते हैं। लखनऊ में शीघ्र विकसित होने जा रहा पीएम मित्र टेक्सटाइल्स पार्क इन संभावनाओं को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर सकता है।
आधी आबादी के स्वावलंबन को भी आगे बढ़ा सकते
सीएम योगी ने कहा कि रेशम के वस्त्र स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं। तकनीक को हमें समयबद्ध तरीके से इंप्रूव करना होगा। उसके साथ हमें जोड़ना होगा। खादी में पहले हाथ से चलना वाला चरखा था, इसके बाद इलेक्ट्रिक चरखा आया। बिजली का खर्च बढ़ा तो रफ्तार भी पांच से दस गुना बढ़ गई। बिजली के खर्चे को कम करने के लिए अब सोलर चरखा भी आ चुका है। ऐसे ही रेशम के प्रोडक्ट को प्रोसेसिंग के साथ जोड़ेंगे, कताई के कार्यक्रम को जोड़ने के लिए भी उस प्रक्रिया का पालन करना होगा। सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजमर्रा के कार्यों के साथ महिलाओं के स्वावलंबन को आगे बढ़ा सकते हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति के अंतर्गत पीएम मोदी के विजन के अनुरूप ऐसे कार्यक्रम आगे बढ़ रहे हैं।
इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस. गर्ग, सदस्य सचिव केंद्रीय रेशम बोर्ड नई दिल्ली पी. शिवकुमार, अपर मुख्य सचिव (रेशम) बीएल मीना, निदेशक (रेशम) सुनील कुमार वर्मा आदि मौजूद रहे।