नई दिल्ली। Elon Musk हिंदी बोलने वालों को नौकरी दे रहे हैं। जी हां कंपनी अच्छे वेतन के साथ ऐसे लोग तलाश रही है जिनकी हिंदी पर पकड़ मजबूत हो। मस्क की एआई कंपनी xAI में AI ट्यूटर्स हायर किए जा रहे हैं।
कंपनी अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी, चाइनीज, रसियन और स्पैनिश बोलने और समझने वालों को नौकरी का मौका दे रही है।
क्यों कर रही कंपनी ऐसा
ऐसा करने के पीछे मस्क की कंपनी का मकसद अपने AI मॉडल को बेहतर तरीके से ट्रेनिंग देना है। अलग-अलग लैंग्वेज के ट्यूटर्स हायर करने के पीछे कंपनी का कहना है कि इससे उसके एआई मॉडल को लोगों की क्वेरी बेहतर तरीके से समझने में मदद होगी। यह ट्यूटर्स डेटा लेबल करेंगे और एआई के परफॉर्मेंस को बेहतर बनाएंगे।यूजर जिस लैंग्वेज में क्वेरी पूछेगा उसे उसकी ही लैंग्वेज में सटीक जवाब मिलेगा। आसान भाषा में कहें तो यह ट्यूटर्स एआई को पढ़ाएंगे।
AI Tutors की भूमिका
यह एआई ट्यूटर्स xAI के लिए अंग्रेजी-हिंदी समेत कई भाषाओं में हाई-क्वालिटी डेटा जेनरेट करेंगे। हिंदी बोलने वाले ट्यूटर का मतलब है कि लेबलिंग अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में सटीक रूप से की जा सके ताकि AI कम से कम दो भाषाओं के बीच भाषाई अंतर को समझ पाए।
AI की भाषाई समझ होगी बेहतर
xAI ऐसा एआई मॉडल बनाना चाहता है, जो दुनियाभर के लोगों की क्वेरी को उनकी भाषा में ही अच्छे से समझे और उसका जवाब दे। इसलिए कंपनी हिंदी भाषा पर पकड़ रखने वालों को अपने साथ जुड़ने का मौका दे रही है।
अच्छा मिलेगा वेतन
कंपनी एआई ट्यूटर्स को $35 से $65 (2,900 रुपये से 5,500 रुपये) प्रति घंटे देने के लिए तैयार है। यह रिमोट वर्क है तो आपको कंपनी के कार्यालय जाने की भी कोई जरूरत नहीं है। यह एक अस्थायी नौकरी है, लेकिन कंपनी जॉब के साथ कई बेनिफिट दे रही है।
xAI क्या है?
xAI एलन मस्क का एआई चैटबॉट है, जो चैट जीपीटी और गूगल जैमिनी की तरह काम करता है। इससे किसी भी चीज का जवाब चुटकियों में प्राप्त किया जा सकता है। कंपनी ने चैटबॉट को 2023 में लॉन्च किया था। इसमें गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज टेक कंपनियों से आए लोग काम कर रहे हैं। मस्क ने चैटजीपीटी की आलोचना करने के बाद इस प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया था।