साउथ एशिया एनर्जी फोरम का आगाजः नये आर्थिक अवसरों के रास्‍ते खोलने सहित क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिये करेगा काम

जयपुर। राजधानी जयपुर में 22 से 24 अक्‍टूबर तक आयोजित हो रहे साउथ एशिया एनर्जी फोरम में क्षेत्र में क्षेत्र भर के नेतृत्‍वकर्ताओं को एक मंच पर लाया गया है। इसका उद्देश्‍य बढ़ते तापमान, ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरण के अनुकूल मूलभूत ढांचे की जरूरत जैसी चुनौतियों से निपटने के रास्‍तों की तलाश करना है।

दक्षिण एशिया क्षेत्र में दुनिया की करीब एक चौथाई आबादी बसी हुई है। यहां रहने वाले लोग चरम मौसमी स्थितियों और ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों के रूप में जलवायु परितर्वन के गहरे प्रभावों का सामना कर रहे हैं। साउथ एशिया क्‍लीन एनर्जी फोरम इन चुनौतियों का परस्‍पर सहयोगात्‍मक समाधान निकालने, नये आर्थिक अवसरों के रास्‍ते खोलने और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिये एक मंच की तरह काम करेगा।

मंगलवार को उद्घाटन सत्र के दौरान भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी सरकार दक्षिण एशिया के अक्षय ऊर्जा रूपांतरण का समर्थन करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है और आज वह कई प्रमुख पहलों की शुरुआत को देखकर रोमांचित है क्योंकि वह इस प्रयास को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। दक्षिण एशिया ने खुद को अपनी चुनौतियों के लिए रचनात्मक समाधान तैयार करने वाले सबसे प्रभावशाली क्षेत्रों में से एक के रूप में स्थापित किया है। यह नई पहल परिवर्तनकारी कदमों के जरिये जलवायु संकट को दूर करने के लिए देशों के साथ साझेदारी करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। हमारे पास एक साथ काम करके अपने धरती और लोगों की रक्षा करने तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी समृद्धि का निर्माण करने का एक असाधारण मौका है।

ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने फोरम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दक्षिण एशियाई देशों में तेजी से आर्थिक विकास को देखते हुए स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता देना समय की मांग है। जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और नवीकरणीय ऊर्जा तक सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्हे विश्वास है कि दक्षिण एशियाई स्वच्छ ऊर्जा फोरम में होने वाली चर्चा,भविष्य की ऊर्जा नीतियों को आकार देगी। इस फोरम के माध्यम से वह संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के मेहमानों को राजस्थान के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है।

सत्र में अमेरिका और दक्षिण एशिया के नेताओं ने पूरे क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की प्रगति में तेजी लाने के लिए तैयार की गई तीन नई पहल की घोषणा की। स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल शहरों पर अमेरिका-दक्षिण एशिया मेयरल प्लेटफॉर्म जो स्थानीय नेतृत्व कर्ताओं को नगर निकाय स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाता है। इसके अलावा अमेरिका-भारत लो कार्बन कम्फर्ट एंड कूलिंग कलेक्टिव का भी ऐलान किया गया। जिसका लक्ष्य 2030 तक सुपर-कुशल शीतलन प्रौद्योगिकियों के लिए एक बिलियन डॉलर जुटाना है। साथ ही स्वच्छ ऊर्जा निवेश सुविधा मंच की भी घोषणा की गयी। इसे निवेशकों को स्वच्छ ऊर्जा कंपनियों से जोड़ने और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की कमी को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। दक्षिण एशिया क्षेत्रीय ऊर्जा भागीदारी (एसएआरईपी) के माध्यम से अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) द्वारा समर्थित इन पहलों का उद्देश्य क्षेत्र के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाना, सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।

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