जालौन। जिले में शनिवार की देर रात कदौरा थाना पुलिस द्वारा वन विभाग कर्मियों को तस्कर समझकर पकड़ने का मामला सामने आया है। यहां पर एक गांव में अजगर निकलने पर ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर सरकारी गाड़ी के बजाए प्राइवेट स्कॉर्पियो से गांव पहुंच गई और अजगर को पकड़ लिया। वन कर्मी अजगर को रेस्क्यू कर उसे जंगल में छोड़ने चले गए। लेकिन रात के वक्त वहां से गुजर रहे राहगीरों ने प्राइवेट गाड़ी से हाथ में बोरा लिए कुछ लोगों को देखा तो उन्हें शक हुआ और इसकी पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने टीम के लोगों को तस्कर समझ कर पकड़ लिया। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वन कर्मियों की टीम को छोड़ा गया।
कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम नजीरपुर के पास सड़क के किनारे किसानों को अजगर दिखाई दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारी संजय माथुर को दी। उन्होंने टीम को भेजा, लेकिन मौके पर सरकारी गाड़ी नहीं होने के कारण उन्होंने टीम को अपनी प्राइवेट गाड़ी (स्कार्पियो) से रवाना किया। वन विभाग की टीम में वन दारोगा सत्येंद्र सचान व उनके दो सहयोगी अमरेंद्र सिंह व महबूब अली ने अजगर को पकड़ लिया। उसे एक बोरे में बंद कर लोदीपुर जंगल में छोड़ने के लिए चले गए। रात होने की वजह से ग्रामीणों ने हाथ में बोरे लिए कुछ संदिग्ध होने की सूचना पुलिस को दी। थाना प्रभारी ने उन लोगों को ढूंढते हुए जंगल में पहुंचे और वन कर्मियों की टीम को पकड़ लिया।
टीम ने थाना प्रभारी को पूरी घटना की जानकारी दी। क्षेत्रीय वन अधिकारी संजय माथुर ने बताया कि गलतफहमी और गलत सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। टीम ने अजगर को जंगल में छोड़ दिया है और पुलिस ने भी बाद में जानकारी होने पर वन कर्मियों की टीम को भी छोड़ दिया था।