आंध्र-प्रदेश की राजधानी अमरावती के रायापुडी गांव में पांच साल के बाद अमरावती राजधानी परियोजना का काम फिर से शुरू कर दिया गया है. पूर्ववर्ती युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार ने एन चंद्रबाबू नायडू की इस परियोजना को रोक दिया था. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने साल 2014 से 2019 के बीच अपने पिछले कार्यकाल के दौरान 160 करोड़ रुपये की लागत से सात मंजिला इमारत में CRDA परियोजना कार्यालय का काम शुरू किया था
लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने साल 2019 से लेकर साल 2024 के बीच तीन राजधानी शहरों के विचार को बढ़ावा दिया और अमरावती के विकास को ठंडे बस्ते में डाल दिया अब जब मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू 2024 के चुनावों में जीते और दूसरी बार सत्ता में लौटे, तब उन्होंने अमरावती राजधानी परियोजना को बल दिया एक आधिकारिक बयान में शनिवार को बताया गया कि बुधवार को सीआरडीए प्राधिकरण की बैठक में काम फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया
नई राजधानी अमरावती
आंध्र प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक नई राजधानी अमरावती को बसाने का ख्वाब देख रहे हैं. उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को नए पंख भी लगे हैं और इसके डेवलपमेंट के लिए वर्ल्ड बैंक ने भी अपना खजाना खोल दिया है आंध्र प्रदेश सरकार के एक सीनियर ऑफिशियल की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ल्ड बैंक ये रकम एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) के साथ मिलकर 13,600 करोड़ रुपए का फंड जारी करेगा
अमरावती का विकास
अमरावती के विकास के लिए पहले फेज में करीब 15 हजार करोड़ की लागत आएगी, जिसमें से 13 हजार 600 करोड़ ग्लोबल फाइनेंस और बाकी बचे 14 सौ करोड़ इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाएंगे वहीं वर्ल्ड बैंक इस इसके लिए पैसों को अगले 5 सालों में देगा इसके लिए मंजूरी भी मिल चुकी है आंध्र-प्रदेश की राजधानी के लिए जनवरी 2025 से किस्तों में मिलने की शुरुआत हो जाएगी