….तो क्या पीएस गुप्ता हास्पिटल में होती है खून की कालाबाजारी

उड़ी चर्चा मरीज को चढ़ने वाला खून मानको पर नही था खरा, फिर भी लिये गये तीन हजार

सीतापुर। जब राहुल को महोली के पीएस गुप्ता हास्पिटल में भर्ती कराया गया था तो उसके शरीर में सात से भी ज्यादा एच बी था। इस कारण तत्काल खून चढ़ाने की जरूरत नही थी। ऐसा जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. अनुपम मिश्रा और फिजिशियन डा. पंकज अवस्थी एक दो बार बल्कि आये दिन कहा करते है। उनका कहना है कि जब शरीर का एचबी छः ग्राम से कम होता है तब मरीज को खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती हैं लेकिन पीएस गुप्ता हास्पिटल में सभी डाक्टर और स्टाफ लूटू बैठा हुआ हैं। इस कारण जैसे ही मरीज उनके प्राइवेट अस्पताल में गया तो यहंा तैनात स्टाफ मरीज की मर्ज को नही देखा बल्कि मरीज की तीमारदार की जेब कैसे खाली कराई जाये उस पर नजर दौड़ा थी। शायद वैसे राहुल की हालत नही बिगड़ती लेकिन जो खून राहुल को चढ़ाया गया खून मानको पर खरा नही उतर रहा था। खून की कालाबाजारी की गई थी और उस एक यूनिट खून की कीमत तीन हजार रूपये अस्पताल द्वारा वसूली गई थी। जिसके चलते मरीज के तीमारदारों को खून डोनेट नही करना पड़ा था और पैसे कमाने के चक्कर में राहुल को गलत खून चढ़ा दिया गया। जानकारों का कहना है कि खून मानको पर खरा नही उतर रहा था इसके बाद भी प्राइवेट अस्पताल पर तैनात स्टाफ ने खून चढ़ा दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि खून रिएक्शन कर गया और मरीज की हालत मरणासन्न स्थित में हो गई।

मरीजो के तीमारदारों ने हंगामा किया मरीज की हालत बिगड़ गई थी उसको बीसीएम हास्पिटल में ले जाया गया था और मामला मेरे संज्ञान में है । मामले की जांच होगी जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी- डा. इमरान केन्द्र अधीक्षक महोली सीएचसी

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