भ्रष्टाचार की भेट चढ़ी बेरसापुर ग्राम पंचायत की महात्मा गांधी मनरेगा योजना

गाँव की सड़क, नाली, स्वच्छता के साथ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी, महात्मा गांधी मनरेगा योजना

सिधौली सीतापुर। विकासखंड क्षेत्र के बेरसापुर ग्राम पंचायत में मनरेगा में चल रहा भ्रष्टाचार अटरिया सीतापुर, जनपद के विकास खण्ड़ सिधौली क्षेत्र की बेरसापुर ग्राम पंचायत में कल्लू के खेत से धरावा ग्राम की सीमा तक सर्वसेतु संपर्क मार्ग निर्माण में मनरेगा में भ्रष्टाचार किया जा रहा है सूत्रों के अनुसार ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक और एपीओ चढ़ा रहे फर्जी हाजिरी टीम ने की पड़ताल मे हुआ खुलासा सिर्फ चार मजदूर ही करते हैं कार्य नहीं मिले अन्य मजदूर वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रहे बेरसापुर के ग्रामीण ग्राम पंचायत बेरसापुर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। सड़क, नाली , पानी व स्वास्थ्य सुविधा के लिए ग्रामीण जुझते नजर आ रहे हैं। स्वच्छता अभियान का बूरा हाल है। जगह जगह गंदगी पसरी हुई है।

ग्राम बेरसापुर के ग्रामीण वर्षों से बुनियादी व मूलभूत सुविधा के लिए जूझ रहे हैं, जिन छोटी छोटी समस्याओं के निराकरण के लिए ग्रामीण पंचायत प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं, लेकिन प्रतिनिधि चुने जाने के बाद वे अपने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेते हैं। इसी के चलते गांव की समस्याएं जस का तस बनी रहती है।

ग्राम पंचायत में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। सड़क , पानी, पक्की नालीया व स्वास्थ्य सुविधा के लिए ग्रामीण जुझते नजर आ रहे हैं। स्वच्छता अभियान का बूरा हाल है। गांव के अन्दर तिराहे व-चौराहे पर गंदगी पसरी हुई है। वहीं प्रतिदिन दिन ग्रामीण पेयजल सहित निस्तारी के लिए जद्दोजहद कर रहा है।

गलियों में बह रहा निस्तारी का गंदा पानी

गांव में स्वच्छता अभियान का नामोनिशान नहीं है। गांव की गलियों में निकासी नाली का अभाव है। इसके चलते घर से निकलने वाले निस्तारी का गंदा पानी गलियों में बह रही है। लगातार गंदा पानी बहने से गली में मच्छर पनप रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है ग्राम प्रधान गाँव में होने के कारण उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। शाम होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसके चलते ग्रामीण घर में दुबकर रहते हैं।

गांव में संक्रमण बीमारी फैलने का डर

वहीं गंदगी के चलते अब बदबू उठने लगी है। इसके बाद भी ग्रामीण गुजर करते हैं। इसके बाद भी पंचायत प्रतिनिधि गांव की समस्याओं को दूर करने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। जबकि दूषित पानी के प्रतिदिन बहने से ग्रामीणों में संक्रमण बीमारी का खतरा बना हुआ है। यही स्थिति रहा तो एक दिन गांव में संक्रमण बीमारी फैल सकता है।

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