और जब रात में अचानक इमरजेन्सी की सेवाएं हो गई बेहतर

पटरी से उतरी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के रात में लगाई गई डा. अनुपम शर्मा की डियूटी

सीतापुर। जिला अस्पताल में पटरी से उतर रही स्वास्थ्य सेवाओं को दुरूस्त करने के लिये नाईट में अस्पताल के सबसे काबिल चीफ फार्मेसिस्ट अनुपम शर्मा को तैनात किया गया। सीएमएस का आदेश था तो डा. अनुपम शर्मा ने आदेशों को सर माथे लिया लेकिन तेजी से बिगड़ रही स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाना कोई आसान काम नही था और रात के समय स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नही था। अनुपम मिश्रा को जब इस मामले की जानकारी हुई और उनको पता चला कि यह तैनाती एक बड़ी चुनौती के सामान ही है तो डा. अनुपम शर्मा ने इस चुनौती को स्वीकार किया और नाईट डियूटी में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरने न पाये इसके पर विशेष ध्यान दिया और प्रेक्टिस कर रहे छात्रों को भी ईमानदारी का पाठ पढ़ाते हुए सख्त निर्देश दिये कि जैसे ही कोई मरीज इमरजेन्सी में आता है सभी लोग उस मरीज के उपचार में लग जाओं और इएमओ ने भी डा. अनुपम शर्मा का साथ दिया और रात में अचानक से इमरजन्सी सेवाएं पटर पर आ गई। जो भी परेशान मरीज आता एक डाक्टर के साथ प्रेक्टिस कर रहे छात्र जुटकर मरीज का बेहतर उपचार करते है अनुपम शर्मा के डियूटी में मरीज रोता हुआ आता था लेकिन वह इमरजेन्सी से मुस्कराता हुआ जाता था। ऐसे हालातों को देखकर वहां लोग कहने लगे है कि इमरेजेन्सी को डा. अनुपम शर्मा जैसे लोगों की जरूरत है जो मरीज के मर्ज को भगाते है और मरीज की कद्र करते है।

Related Articles

Back to top button