नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड फंड घोटाला सामने आने पर राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा ने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण के लिए उनपर खर्च किया जाने वाला फंड राजनीतिक लाभ लने के लिए खर्च किया गया। इसलिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इस्तीफा देना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के फंड को बेल्लारी लोकसभा चुनाव में खर्च किया गया। इस फंड से लगभग 60 लाख से अधिक लोगों को वोट देने के लिए 200-200 रुपय ेबांटे गए। महर्षी वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के खाते से 187 करोड़ रुपये के फंड को राजनीतिक लाभ लेने के लिए खर्च किया गया।
उन्होंने कहा कि इस फंड से गाड़ी खरीदी गई, हवाई टिकट बुक किए गए, निजी कर्मचारियों को सैलरी दी गई, घूमने पर खर्च किया गया।। इस प्रकार मुख्यमंत्री को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। सिद्धारमैया का विधानसभा सदन के पटल पर खड़े हो कर यह स्वीकारना कि घोटाला हुआ है, यह शमर्नाक है। उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता पात्रा ने कहा कि कर्नाटक में पहले मूडा घोटाला हुआ और अब 88.62 करोड़ रुपये कथित तौर पर ‘मशहूर’ आईटी कंपनियों और हैदराबाद के एक सहकारी बैंक समेत कई खातों में अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए। इस घोटाले में आरोप लगने के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी. नागेंद्र ने 6 जून को इस्तीफा दे दिया था। वो फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं। उनके घर से 16 किलो सोना और ढाई करोड़ रुपये बरामद हो चुके हैं।
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड का संचालन कर्नाटक सरकार करती है। यहां के चंद्रशेखरन पी नाम के एक अधिकारी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी और सुसाइड नोट में गलत ढंग से मनी ट्रांसफर का जिक्र किया था, जिसके बाद इस घोटाले का जिक्र हुआ। इसमें आरोप लगाया गया है कि निगम के बैंक अकाउंट से 187 करोड़ रुपये का अनधिकृत ट्रांसफर हुआ। इसमें से 88.62 करोड़ कथित तौर पर ‘मशहूर’ आईटी कंपनियों और हैदराबाद के एक सहकारी बैंक समेत कई खातों में अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए।