उज्जैन में गाय की निकली शव यात्रा

गाय की मौत पर हंगामे और प्रदर्शन तो आपने खूब देखे होंगे, लेकिन महाकाल की नगरी उज्जैन में एक गाय का अनूठे तरीके से अंतिम संस्कार हुआ है. शव वाहन को सजाकर बैंड बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई और श्मशान घाट पर विधि विधान से गाय का अंतिम संस्कार किया गया इस मौके पर शहर के सैकड़ों लोग शामिल हुए. मामला नानाखेड़ा क्षेत्र में न्यू इंदिरा नगर का है यहां रहने वाले मोतीराम मकवाना 18 वर्षों से इस गाय की सेवा कर रहे थे

दो दिन पहले इस गाय की मौत होने पर उनके परिवार ने शोक मनाया इस मौके पर मोतीराम मकवाना के परिवार ने शव वाहन को विधिवत सजाकर उसपर गाय के शव को रखा और बैंड बाजे के साथ उन्होंने गाय की शव यात्रा निकाली जैसे ही शवयात्रा उनके घर से आगे निकली, शहर के तमाम लोग इसमें शामिल होते चले गए वहीं शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए जब यह शवयात्रा श्मशान पहुंची तो सैकड़ों लोग वहां जमा हो चुके थे रास्ते भर लोगों ने फूल बरसाकर गौ माता को श्रद्धांजलि दी

हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि भी हुए शामिल
शवयात्रा में श्री पावन धाम गोरक्षा न्यास हिंदू संगठन के अध्यक्ष लखन बाथम व पुरुषोत्तम मकवाना, देवीलाल, गोपाल, राधेश्याम मकवाना, ईश्वर भाट, ठाकुर माली, किशोर राठौड़, जितेंद्र सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे गौ माता की सेवा कर अनोखे तरीके से उनका अंतिम संस्कार करने वाले मोतीराम मकवाना और पुरुषोत्तम मकवाना ने कहा कि गाय केवल पूजा की वस्तु नहीं है

18 साल तक परिवार का हिस्सा रही गाय
कहा कि हमारे परिवार में बचपन से ही सिखाया जाता है कि गौ माता की सेवा और सम्मान करना चाहिए. यह हर हिंदू का फर्ज है कहा कि वह 18 वर्षों से इस गो माता की सेवा कर रहे थे. इस लिए जय सियाराम के नारे के साथ सनातन संस्कृति और रीति रिवाज के अनुसार उन्होंने मुक्तिधाम पर गो माता का अंतिम संस्कार किया

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