सूरतगंज बाराबंकी। श्री रामलीला दशहरा महोत्सव कमेटी द्वारा शुक्रवार रात सूरतगंज के दशहरा मेला मैदान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश महामंत्री रामबाबू द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा से विद्वानों साहित्यकारों और कलमकारों का सम्मान किया है। जबकि विपक्ष की सरकारों में कलमकार जलाकर मार दिए जाते थे। प्रांगण में मौजूद साहित्यकारों और आमजनमानस ने तालियों से उनका समर्थन किया। कार्यक्रम से पूर्व श्री द्विवेदी ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर उन्हें पुष्प अर्पित किए। कवि सम्मेलन की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना के साथ कवि साहाब नारायण शर्मा ने की। कवि प्रशांत प्रखर ने पढ़ा रिवाजो की दुनिया में हम भूल करके, चलो हम बनाएं चांद पर आशियाना। कवि रमन रोचक ने पढ़ा, सिर्फ अहिंसा के बलबूते सारे काम नहीं होते, धर्म सनातन न होता तो चारों धाम नहीं होते। वीर रस के कवि शिवेस राजा ने पढ़ा नौजवान पीढ़ी का जिस दिन खून ज्वार बन खौलेगा, कब्र से निकल निकल के मुर्दा वंदे मातरम् बोलेगा। जिसपर तालियों से पंडाल गूंज उठा। कार्यक्रम में वीर रस के कवि अयोध्या अवस्थी,उन्नाव से पधारी श्रृंगार रस की कवित्री प्रियंका शुक्ला,कवि प्रदीप महाजन,संदीप अनुरागी आदि कवियों ने अपनी रचनाओं से लोगों को तालिया बजाने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान मत्तू सेठ, डॉक्टर विपिन निगम,राहुल कुमार,सचिन कुमार गोलू,दुर्गेश हयारण,गौतम हयारण सहित भारी संख्या में श्रीतागण मौजूद रहे।