अखिलेश यादव ने आवास पर लगी प्रतिमा पर जयप्रकाश नारायण को पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

  • अखिलेश ने कहा, अगर जयप्रकाश जी के योगदान के बारे में पता होता इन्हें तो फोर्स न लगाते
  • आवास पर पुलिस अधिकारियों के मिलने के बाद अखिलेश ने बदला जेपीएनआईसी सेंटर जाने का निर्णय

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को शुक्रवार को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके आवास पर लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित करते ही कार्यकर्ताओं व पुलिस की रास्साकशी थम गई। उन्होंने श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

अखिलेश यादव ने कहा कि जेपीएनआईसी सेंटर वर्ल्ड क्लास की एक जगह बनी है। सरकार ने जानबूझकर के साजिश की है कि यह वर्ल्ड क्लास बिल्डिंग जो बनी है उसको बेच दिया जाए। यह सरकार भेड़ियों, गुलदारों से गरीबों को किसानों को नहीं बचा पा रही है। अभी तक यह सरकार पता नहीं कर पाई है कि गरीबों के बच्चों पर हमला कौन कर रहा है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि 70 करोड़ से भी ज्यादा का पेमेंट हुआ है। उसके बाद भी जेपीएनआईसी नहीं खुला है। इसका मतलब यह है कि जेपीएनआईसी में कुछ न कुछ यह लोग छुपाना चाहते हैं। अगर जयप्रकाश जी के योगदान के बारे में इन्हें पता होता तो जिस तरह से फोर्स लगा रहे हैं, नहीं लगाते। खुद त्योहार मना रहे हैं और हमें नहीं मनाने दे रहे हैं।

मुखर समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की जयंती मनाने से रोकना यह बताता है कि महापुरुषों को लेकर उनकी मंशा ठीक नहीं है। ​नीतीश कुमार को महापुरुषों के प्रति इस तरह का भेदभाव करने वाली एनडीए सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि आज समाजवादी नेता, संपूर्ण क्रांति के उद्घोषक ‘लोकनायक’ जयप्रकाश नारायण की जयंती है। इस मौके पर पूर्व की भांति सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व पार्टी के नेता—कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी गोमती नगर स्थित जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (जेपीएनआईसी) में स्थित प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर आज भी पुष्प अर्पित कर याद करते हुए श्रद्धांजलि दिए जान का कार्यक्रम तय था। इस बीच बीती रात एलडीए ने जेपीएनआईसी सेंटर के मुख्य द्वार पर टीन शेड लगाकर श्रद्धांजलि दिए जाने की अनुमति नहीं दी। इसी के बाद से मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया। अखिलेश ने देर रात ही जेपीएनआईसी सेंटर पहुंचकर हर हाल में श्रद्धांजलि देने का एलान कर दिया। उनके इस एलान के बाद लखनऊ जिला प्रशासन व पुलिस हकरत में आ गई। रात में ही अखिलेश यादव के आवास के बाहर बैरिकेडिंग लगाते हुए उन्हें रोकने की तैयारी करते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया। शुक्रवार को सपा नेताओं की भीड़ आवास पहुंची और वहां से अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को रोकने पर हंगामा शुरू कर दिया।

अखिलेश से मिले पुलिस अधिकारी तो बदला निर्णय

विरोध और नोक-झोंक बढ़ती देख पुलिस अधिकारियों की एक टीम आवास पर अखिलेश यादव से मिलने पहुंची। पुलिस और अखिलेश यादव के बीच बातचीत के बाद मामले में स्थिति बदल गई। शायद कार्यकर्ताओं के हंगामा और प्रदर्शन के दौरान उनकी सुरक्षा को भांपते हुए सपा अध्यक्ष ने अपना निर्णय बदला और आवास पर लगी जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यापर्ण को राजी हुए। इस दौरान सपा नेता रामगोविन्द चौधरी, जूही सिंह समेत कई ​बड़े व अन्य नेता, कार्यकर्ताओं का हुजूम अखिलेश के आवास के बाहर जमा है और सभी महापुरुषों के आदर और श्रद्धां​जलि न दिए जाने पर भाजपा सरकार पर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किए।

जंजीर में खुद को बांध कार्यकर्ता ने किया प्रदर्शन

प्रखर समाजवादी जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए पुलिस बल लगाने और सपा अध्यक्ष को आवास से न निकलने दिए जाने की भारी व्यवस्था को लेकर सपा कार्यकर्ता जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान सपाईयों की पुलिस से नोकझोंक का दौर जारी है। यहां पर एक सपा कार्यकर्ता लोहे की बेड़ियां डाले पहुंचा और अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी करते हुए भाजपा सरकार को कोसते हुए कहा कि समाजवादी महापुरुषों को श्रद्धांजलि देने से रोक कर दमन और उनका अपमान इस सरकार में किया जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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