हरियाणा के चुनावी नतीजों पर हिमाचल की गारंटियों का असर नहीं : कांग्रेस मंत्री

शिमला। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है। यहां कांग्रेस को इस बार भी विपक्ष में बैठना पड़ेगा। हिमाचल भाजपा के नेता हरियाणा में कांग्रेस के हार की वजह हिमाचल की गारंटियों को बता रहे हैं। वहीं सुक्खू सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस तरह की परिस्थितियों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि राज्यों के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर होते हैं और हरियाणा में वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है।

उन्होंने बुधवार को शिमला में कहा कि प्रदेश में भाजपा के नेता यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश की गारंटीयों का असर हरियाणा पर पड़ा है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव जीते हैं और वहां पर सरकार बन रही है लेकिन हरियाणा में नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं मिले हैं।

हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि हरियाणा के चुनाव परिणाम पर मीडिया का आकलन भी पहले से यही था कि वहां पर कांग्रेस की सरकार बन रही है बावजूद इसके हरियाणा में चुनाव नहीं जीत पाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में क्यों चुनाव हारे इसका आंकलन करने की जरूरत है और कांग्रेस आलकमान निश्चित रूप से इसके कारणों को खंगालेगी।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने हरियाणा के दो हलकों में की दो चुनावी रैलियां, एक में कांग्रेस को मिली हार

कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु को स्टार प्रचारक बनाया था। हालांकि अस्वस्थ होने की वजह से वे हरियाणा के चुनाव प्रचार में ज्यादा समय नहीं दे पाए। सुक्खू ने प्रचार के आखिरी दौर में हरियाणा के पंचकूला और चरखी दादरी में कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं कीं और हिमाचल की गारंटियों को पूरा करने का जिक्र किया। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान हिमाचल में कांग्रेस की 10 में से पांच गारंटियों को पूरा करने का दावा किया था। मुख्यमंत्री ने जिन हलकों में प्रचार किया, उनमें भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर हुई। पंचकूला में कांग्रेस के चंद्रमोहन ने 1997 मतों से जीत दर्ज की, जबकि दादरी में कांग्रेस प्रत्याशी मनीषा सांगवान करीबी मुकाबले में 1957 मतों से हार गईं।

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