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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए जो वोटों की गिनती हो रही है, उसमें कम से कम एग्जिट पोल के अनुमानों की तुलना में बहुत बड़ा उलटफेर नजर आ रहा है। ताजा रुझानों के हिसाब से बीजेपी वहां लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ रही है।
जबकि, एग्जिट पोल के अनुमानों में कांग्रेस को जबर्दस्त बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया था। इतने बड़े उलटफेर की कहानी वहां दोनों प्रमुख दलों को मिल रहे वोटों (वोट शेयर) में छिपी हुई है।
हरियाणा में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार!
हरियाणा में ताजा रुझानों के हिसाब से 90 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी अपने दम पर पूर्ण बहुमत प्राप्त करती दिख रही है। अगर यह रुझान अंतिम परिणामों में तब्दील हुआ तो 2014 के बाद यह दूसरी बार होगा जब बीजेपी राज्य में अपने दम पर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाएगी। तब पार्टी को 47 सीटें मिली थीं। 2019 में पार्टी को सिर्फ 40 सीटें मिलीं और उसने जननायक जनता पार्टी के 10 एमएलए के समर्थन के दम पर सरकार चलाई है।
हरियाणा में कांग्रेस-बीजेपी के वोट शेयर में बहुत कम अंतर
हरियाणा में मतगणना के दौरान चुनाव आयोग से जो आंकड़े जारी हो रहे हैं, उसके मुताबिक बीजेपी को वहां करीब 39% वोट आ रहे हैं और यह कई एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों के उलट है।
वहीं एक दशक तक सत्ता से दूर रही कांग्रेस पार्टी जिसने तो ताजपोशी की भी तैयारी कर रखी है, उसे लगभग 40% वोट मिल रहे हैं। लेकिन, यह वोट शेयर एग्जिट पोल के अनुमानों से काफी कम हैं।
हरियाणा के ‘लाल’ की क्यों नहीं गली दाल
इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका आम आदमी पार्टी और उसके सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को लगा है। उनकी पार्टी का पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात चली, फिर पार्टी अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतर गई।
केजरीवाल खुद को हरियाणा के ‘लाल’ के तौर पर प्रचार किया,जेल से रिहाई मिलने पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की। लेकिन, उनकी राजनीति की मिट्टी बुरी तरह से पलीद हो गई। लोकसभा चुनावों में पार्टी को 4 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी। लेकिन, अबकी बार तो शून्य बटे सन्नाटा वाली हालत हो गई है।
आईएनएलडी को बसपा से गठबंधन का मिला लाभ
लेकिन, खाता खुलना तो दूर हरियाणा में आम आदमी पार्टी को 1.5% से कुछ ज्यादा वोट मिलते नजर आ रहे हैं। वहीं आईएनएलडी को करीब 5%, जेजेपी को लगभग 1% और बीएसपी को भी 1.5% से थोड़े ज्यादा मत मिल रहे हैं। इस तरह से लगता है कि अभय चौटाला को बसपा से गठबंधन का थोड़ा फायदा मिला है, लेकिन दुष्यंत चौटाला को यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से हाथ मिलाने से भी दुर्गति कम नहीं हुई है।
वोट शेयर के उलटफेर से हरियाणा में हो गया उलटफेर!
बता दें कि सी-वोटर के एग्जिट पोल के अनुमानों में कांग्रेस को 43.5% और बीजेपी को सिर्फ 37.2% वोट मिलने की संभावना जताई गई थी। वहीं एक्सिस माय इंडिया ने भाजपा को मात्र 35% वोट ही दिए थे और कांग्रेस को 43% वोट मिलने की बात कही थी। इन एजेंसियों ने 3% वोट प्वाइंट वोट शेयर ऊपर-नीचे होने की संभावना जाहिर की थी और रुझानों से लगता है कि यहीं पर इतना बड़ा उलटफेर हुआ है कि बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाती नजर आ रही है।
एग्जिट पोल के अनुमानों के बाद यह भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी का ओबीसी कार्ड फेल हो गया है। लेकिन, अगर रुझानों को देखें तो भाजपा सीटों के मामले लोकसभा चुनावों से बेहतर प्रदर्शन कर रही है, लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन नहीं होने से नुकसान हुआ है और ज्यादा खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ रहा है।