श्री राम महोत्सव पर अहिल्या उद्धार लीला का हुआ सजीव मंचन

फतेहपुर-बाराबंकी। नगर क्षेत्र में चल रहे श्री राम महोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन अहिल्या उद्धार लीला का मंचन किया गया। प्रभु श्री राम ने अपने चरण स्पर्श से अहिल्या को शिला से स्त्री रुप में परिवर्तित किया। इस दौरान पात्रों के अभिनय व संवाद से दर्शकों को तालियां बजने को मजबूर कर दिया।

उक्त पवन श्री राम महोत्सव में गुरु विश्वामित्र भगवान राम को दिव्यास्त्रो के बारे में जानकारी देते हैं। अपने धरोहर रुपी अस्त्र को भगवान राम को देते है। इसी बीच जनकपुरी से मुनि को स्वयंवर का आमंत्रण पत्र प्राप्त होता है। गुरु अपने दोनो शिष्यों के साथ जनकपुरी की ओर प्रस्थान करते है। रास्ते गंगा नदी के घाट पर मिले पंडित उन्हें अपने अपने जजमान बताकर अपने घाट पर चलने को कहते हैं। रोचक नोक-झोंक के एक वृद्ध पंडित ने भगवान के वंशजों के नाम बताते हुए उन्हें संतुष्ट कर अपने घाट पर ले गया। स्नान के बाद आगे बढ़ने पर प्रभु राम जंगल में विशाल शिला देख गुरुदेव से उसके बारे में पूछने लगे। मुनि ने इस शिला को पति द्वारा श्रापित अहिल्या के रुप में बताया और उनके चरण स्पर्श से उसको मोक्ष मिलने की बात बताई। भगवान राम ने उस नारी रुपी शिला को अपने चरण स्पर्श से नारी रुप में परिवर्तित कर दिया। पुनः नारी रुप पाकर अहिल्या भगवान की जय जयकार करती है। इस मौके पर रानू मिहिर, राजमणि मिश्र, हर्षित शर्मा, रंजीत कुमार, अनुराग, आदि ने सहयोग किया।

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