पंजाब: खेतों में आग लगने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से राज्य सहकारी बैंकों ने फसल अवशेष प्रबंधन ऋण योजना शुरू की है। इस योजना के तहत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां और अन्य संस्थाएं कॉमन हायरिंग सेंटर (CHC) योजना के तहत कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ उठा सकती हैं। प्रगतिशील किसानों को बेलर और सुपर सीडर सहित फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। ऋण की चुकौती अवधि पांच वर्ष होगी। इसे सालाना 10 अर्धवार्षिक किस्तों (30 जून और 31 जनवरी) में चुकाया जा सकेगा।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि इसका उद्देश्य किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी खरीदने के लिए ग्रामीण ऋण आसानी से उपलब्ध कराना है ताकि धान की पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि यह योजना चंडीगढ़ में राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंकों की 802 शाखाओं के माध्यम से शुरू की गई है।
मान ने कहा कि किसान सरल और आसान प्रक्रिया के माध्यम से योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना किसानों को फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करने में भी सहायक होगी। उन्होंने कहा, “इसका जोर पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को कम करने और जैव ऊर्जा संयंत्रों को समर्थन देने के लिए कृषि-अवशेष आपूर्ति श्रृंखला में उद्योग-किसान की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर है। यह पहल किसानों से जैव ऊर्जा उद्योग तक कृषि-अवशेष बायोमास आपूर्ति श्रृंखला की स्थापना के माध्यम से प्रदूषण को रोकने में मदद करेगी।” बिजली उत्पादन इकाइयाँ, संपीड़ित बायोगैस