जफराबाद। श्री रामलीला समिति जफराबाद के तत्वावधान में कस्बे के स्पर्श मैरेज लान चल रहे रामलीला के तीसरे दिन अयोध्या के कलाकारों द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ , राम जन्म, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जन्म, राक्षसों का अत्याचार, विश्वामित्र का अयोध्या आगमन की लीला का मंचन किया गया। राक्षसों के आतंक को समाप्त करने हेतु अयोध्या में भगवान विष्णु दशरथ नंदन राम रूप में अवतार लेते ही दर्शकों से खचाखच भरा रामलीला स्थल जय श्री राम के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। राजा दशरथ के महल में पुत्रों के जन्म पर सोहर व बधाईयां गायी गई। अयोध्या के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ जी के आश्रम में शिक्षा ग्रहण कर चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न राजमहल पहुंचते है। उधर राक्षसों के आतंक से परेशान ऋषि विश्वामित्र ताड़का, मारीच, सुबाहु आदि राक्षसों से अपने यज्ञादि की रक्षा हेतु अयोध्या पहुंच कर राजा दशरथ को राक्षसों के उत्पात से अवगत कराते हुए उनके विनाश हेतु राम-लक्ष्मण को अपने साथ आश्रम ले जाने की मांग करते है। अयोध्या के कलाकारों द्वारा दूसरे दिन रावण, कुम्भकर्ण व विभीषण द्वारा भीषण तप कर जगत पितामह ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करने व वरदान पाने के पश्चात रावण द्वारा ऋषि मुनियों पर किये गये जुल्मों सितम व देवताओं द्वारा श्री विष्णु भगवान से धरती पर अवतार लेकर रावण का संहार कर धरती मां को उसके ताप से मुक्त कराने की लीला प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर श्री राम लीला समिति जफराबाद के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता गण एवं सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे।