बिसवां सीतापुर: एक शाम गांधी जी के नाम के शीर्षक से बज़्मे समर की जनिब से जिला स्तरीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन मदरसा तालीमुल कुरान बिसवां में किया गया | कार्यक्रम की अध्यक्षता आकिल बिसवानी ने की मुख्य अतिथि के तौर पर आम आदमी पार्टी के नेता फुरकान अली व समाजवादी शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष शाहआलम खान राणा उपस्थित रहे इस मौके पर वक्ताओं ने गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए देश की आजादी में उनके योगदान का बखान किया मुशायरा का संचालन समाजसेवी नय्यर शकेब ने किया। मुशायरे में शायर अफ्फान सीतापुरी ने कहा कि “न जाने कौन वह ख्वाबों में आ रही है मेरा दिल चुरा रही है। मुशायरा अध्यक्ष अकिल बिसवानी ने पढ़ा कि “कितना खुलूस आज मेरे दोस्तों में है पाँव में छाले देखकर कांटे बिछा दिए” । रहबर प्रतापगढ़ी ने कहा कि “हो जाए जरूरी है उन्हें एहसास तीरगी, जो आंधियों में दीप जलाने निकल पड़े। संचालन करते हुए नय्यर बिसवानी ने पढ़ा कि दुनिया कि “भीड़ भाड़ में इसका रहे ख्याल, हर आदमी को चाहिए बस चार आदमी”। मशहूर शायर शमीम नतिक ने कहा कि “जिंदगी तेरे इनायत के सिवा कुछ भी नहीं इश्क हो जाए तो लगता है क्या होता है” मजहिया कवि हरिशंकर मौर्य ने कहा कि “नागिन जैसी तू लहराए खर्कन करें धमाल, तू मेरी पेरासिटामाल तू मेरी पेरासिटामाल” शायर शफीक बिसवानी ने पढ़ा कि “आज के दौर में डर लगता है अपनों से, हमें कब दगा देदे मोहब्बत को जताने वाले” इनके अलावा शोएब बिसवानी, वसीम, हाफिज अफाक, डॉक्टर शकील सागर, असलम बिसवानी, आसिफ बिस्वनी, वसीम अकरम आदि शायरो ने अपना काव्यपाठ प्रस्तुत किया इस मौके पर डा० जावेद, हाजी शुएब, मौलाना वकास नदवी, असलम, मोहम्मद साद, अनस अंसारी मास्टर आरिफ, डॉक्टर रफी, मुजफ्फर सिद्दीकी, उवैस, माज, शुएब रफाकत, शहजादे, अफजल अंसारी, मोहम्मद अहमद, मोहम्मद यार, इस्लामुद्दीन अंसारी आदि मौजूद थे।