बाराबंकी, में हरे-भरे पेड़ों की कटान हरियाली को खत्म कर रहे वन माफिया, प्रतिबंधित पेड़ों की हो रही कटान हरियाली बचाने के नाम पर भारी पड़ रहा परमिट का खेल क्षेत्र में वन विभाग पर आरोप लग रहा है। आरोप है कि वन विभाग से मिलीभगत कर वन माफिया लगातार प्रतिबंधित पेड़ों की कटान कर रहे हैं, जिससे जिले की लगातार हरियाली कम होती जा रही है और पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इन वन माफियाओं से मिलकर प्रतिबंधित हरे भरे पेड़ों की कटान का परमिट बना देते हैं। आपको बता दे की ताजा मामला घुंघटेर थाना क्षेत्र के खागीपुर में5दिन पहले लगातार हरे भरे जवान पेड़ों पर चलता रहा आरा यहाँ एक दो नहीं 21 पेड़ो का एक साथ परमिट वन अधिकारियों द्वारा बना दिया गया जिसमें ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि खागीपुर निवासी अमरेश चौरसिया की बाग है जब ठेकेदार का नाम जानने का प्रयास किया गया तो क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि सीतापुर बिसवां के ठेकेदार द्वारा पेड़ों का कटान हुआ है कुछ जामुन और अन्य पेड़ आम के है। परमिट नियम कानून को ताक पर रखकर इसलिए बनाया जाता है ताकि इन वन माफियाओं पर कोई सवालिया निशान न खड़ा हो और यह धड़ल्ले से प्रतिबंधित पेड़ काटते रहें।
धड़ल्ले से पेड़ों की कटान जारी
प्रदेश सरकार भले ही हर घर हरियाली जैसी योजनाओं पर करोड़ों खर्च कर क्षेत्र को हरा-भरा करने का प्रयास कर रही हो, लेकिन बाराबंकी में वन विभाग के बेलगाम कर्मचारी व अधिकारियों के चलते ये योजनाएं सफल होना तो दूर यहां वर्षों पहले लगे हुए हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़-पौधे भी वन विभाग की मिलीभगत से वन माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं, जिससे बाराबंकी जिले में हरियाली की बात करना बेमानी साबित हो रहा है।ताजा मामला बाराबंकी जिले के घुंघटेर थाना क्षेत्र के खागीपुर का है। यहां वन माफियाओं ने एक -दो नहीं कुछ जामुन व आम के कुल 21 पेड़, काट डाले और जिम्मेदार सिर्फ देखते ही रहे। दरअसल, यहां जिन्हें वन की रखवाली का जिम्मा सौंपा गया है, वही हरियाली के दुश्मन बन गए हैं। वन विभाग की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है, जिससे जिले में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रतिबंधित पेड़ों की कटान की जा रही है। वन माफिया आम, जामुन व महुआ सहित अन्य पेड़ों पर आरा चला रहे हैं। लोग विभाग के लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ताकि जिले में हरियाली बच सके। जब इस संबंध में वन दरोगा सुभाष कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया 21 पेड़ों का करेक्ट परमिट है।