क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और लद्दाख के कई अन्य लोगों ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर बुधवार शाम श्रद्धांजलि अर्पित की और बताया कि उन्हें पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया गया है. इसी के साथ उन्होंने अपना अनशन भी खत्म कर दिया.
सोनम वांगचुक ने बताया कि उनके समूह ने अपनी मांगों को सूचीबद्ध करते हुए सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने बताया कि हमें जल्द शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया गया है.
जबरदस्त समर्थन के लिए धन्यवाद
सोनम वांगचुक ने सोशल मी़डिया एक्स पर लिखा, नमस्ते! बहुत दिनों से कोई पोस्ट नहीं…चूंकि हिरासत के दौरान मेरे पास फोन की सुविधा नहीं थी. उन्होंने आगे लिखा कि आपके जबरदस्त समर्थन के लिए आप सभी को धन्यवाद. हमने गृह मंत्रालय के इस आश्वासन के आधार पर अपना उपवास तोड़ा कि अगले कुछ दिनों में भारत के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक होगी.
महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि
वांगचुक ने महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से कहा कि हमने सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है कि लद्दाख के लिए ऐसे प्रावधान किए जाएं जिससे इसकी पारिस्थितिकी को संरक्षित किया जा सके और इस प्रावधान के लिए छठी अनुसूची है, जो स्थानीय लोगों को संसाधनों पर शासन और प्रबंधन का अधिकार देती है.
गृह मंत्रालय ने दिया आश्वासन
सोनम वांगचुक ने कहा कि हिमालय में स्थानीय लोगों को सशक्त बनाया जाना चाहिए क्योंकि वे ही इसका सबसे अच्छी तरह संरक्षण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जैसा कि गृह मंत्रालय ने हमें आश्वासन दिया है इसलिए आने वाले दिनों में हम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और गृह मंत्री से मिलेंगे.